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द न्यूज इनसाइडर के अंडर कवर रिपोर्टर का स्टिंग: पीवी बस औपचारिकता भर क्या खाद्य आपूर्ति विभाग धान की फर्जी खरीद करने वाले मिलर्स को बचाने की कोशिश कर रहा है अभी तक यह जांच ही नहीं हो रही कि क्यों मिलर्स को मिलिंग कमेटी के तय कोटे से ज्यादा धान दिया गया द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो , चंडीगढ़ जिस फिजिकल वैरिफिकेशन के दम पर सरकार धान खरीद घोटाले को पकड़ने की कोशिश कर रही है, इसके लिए बनी टीम भी भ्रष्टाचार में लिप्त है। द न्यूज इनसाइडर के अंडर कवर रिपोर्टर ने एक मिल में टीम की कार्यप्रणाली का जायजा लिया तो पाया कि टीम का ध्यान स्टॉक जांचने में कम और इस ओर ज्यादा कि रुपए कैसे मिलेंगे। टीम का व्यवहार बहुत ही खराब है। टीम के अधिकारी जब तक खुश्क लहजे में बात करते हैं, तब तक उनके पैसे न मिल जाए। इस दौरान वह ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि गड़बड़ी पकड़ कर ही रहेंगे। इसी बीच उनका एक दलाल जो कि उनके बीच का ही सदस्य होता है, वह कभी सेवा पानी तो कभी सीधे ही डील करने की कोशिश करता है। जिस मिलर्स के यहां पीवी हो रही होती है उसके चेहरे पर हवाईयां उड़ी रहती है। जैसे ही सौदा पट जाता है, अचा...

धान खरीद में अनियमितताओं से विवादों में आए समीर के खिलाफ क्या निदेशालय करेगा कार्यवाही

धान खरीद में अनियमितताओं से विवादों में आए समीर के खिलाफ क्या निदेशालय करेगा कार्यवाही  विवादस्पद इंस्पेक्टर, तरावड़ी मंडी में गेहूं  परखी कांड में भी आया था नाम, तब भी बचा    लिया था चहेतों ने  द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़ सरकारी धान खरीद में अनियमितताओं से विवाद में आए फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर समीर कुमार पर क्या निदेशालय कार्यवाही करेगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अक्सर विवादों में रहने वाला समीर हर बार साफ बच कर निकल जाता है। इस बार सरकारी धान खरीद घोटाला कोई पहला मामला नहीं है। गेहूं खरीद के दौरान तरावड़ी मंडी में बोरियों से परखी मार कर गेहूं निकालने के कारण वह चर्चा में आए थे। इतना ही नहीं एक  ओर जहां मिलर्स की फिजिकल वैरिफिकेशन हो रही है, पुलिस मिल परिसर में तैनात कर दी गयी है। लेकिन अभी तक खरीद प्रक्रिया में लगे इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच नहीं हो रही है। हालांकि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने इस बाबत एक रिपोर्ट निदेशालय में भेज दिया है। अब जो भी कार्यवाही होगी, निदेशालय से होगी। दूसरी ओर खादय् आपूर...
खाद्य आपूर्ति विभाग के  इंस्पेक्टर समीर पर धान खरीद में अनियमितता का आरोप, निदेशालय में भेजा पत्र  करनाल में धान खरीद में भारी गड़बड़ी, द न्यूज इनसाइडर ने उठाया था मामला, सरकार ने लिया संज्ञान, करायी थी स्पेशल पीवी  द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो चंडीगढ़  करनाल अनाज मंडी में  सरकारी धान खरीद घोटाले में इंस्पेक्टर समीर की भूमिका संदेह के घेरे में है। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने बताया कि इस बाबत निदेशालय को एक रिपोर्ट भेज दी है। अब आगे की कार्यवाही निदेशालय के स्तर पर होगी। द न्यूज इनसाइडर के पास धान खरीद में बरती गयी अनियमितता की लिस्ट है, इसमें कई ऐसे मिल संचालक है, जिन्हें तय कोटे से ज्यादा धान दिया गया है। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवाेकेट राकेश ढुल ने बताया कि धान खरीद का यह सबसे बड़ा घोटाला है। इसमें अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने बताया कि समीर को खरीद सीजन के दौरान ही लगाया गया था। इसलिए जांच यह भी होनी चाहिए कि किस सीनियर अधिकारी ने समीर को करनाल मंडी में लगाने की भूमिका तय की है। क्यों गंभीर है यह घोटाला  इसलिए क्योंकि धान...
सरकारी धान खरीद घोटाला: जिन्हें बासमती व मोटी धान में फर्क करना नहीं आता, वह कर रहे पीवी मदनपुर,कुटेल, तरावड़ी और निसिंग में एक्सपोर्ट करने वाले मिलर्स ने ली की धान की फर्जी खरीद  द न्यूज इनसाइडर रिसर्च टीम, चंडीगढ़  करनाल में सरकारी धान खरीद में घोटाले को पकड़ने के लिए फिजिकल वैरिफिकेशन ( पीवी) कर रही टीम में वह अफसर शामिल हैं, जिन्हें बासमती और मोटी धान में अंतर ही नहीं पता है। इसका फायदा उठाते हुए धान की फर्जी खरीद करने वाले एक्सपोर्टर ने टीम को गुमराह कर दिया। टीम को पता ही नहीं कि ऐसे मिलर्स के पास परमल धान की मिलिंग करने की मशीन ही नहीं है। इस बार सरकारी धान में घोटाला यह हुआ कि मिलर्स ने खरीदा तो बासमती धान, लेकिन सरकारी दस्तावेज में इसे परमल धान दिखाया गया। इस तरह से सरकार को दोहरा नुकसान हुआ। एक तो यह कि जिस समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को मिलना चाहिए था, वह पैसा मिलर्स के पास चला गया। दूसरा नुकसान यह हुआ कि बासमती धान खरीद का जो टैक्स था, वह बच गया। द न्यूज इनसाइडर को मिले दस्तावेज के मुताबिक कुटेल, तरावड़ी, निसिंग मदनपुर इलाके में 99 प्रतिशत मिलों में यहीं खेल...

बड़ा सवाल, क्या धान घोटाले में गठित कमेटी पीवी सही तरह से कर पाएगी?

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बड़ा सवाल, क्या धान घोटाले में  गठित कमेटी  पीवी सही तरह से कर पाएगी? द इंसाइडर रिसर्च ब्यूरो , चंडीगढ़  आखिरकार सरकार ने धान खरीद घोटाले को देखते हुए फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए कमेटी गठित कर दी है। अब इस कमेटी में सदस्यों को लेकर खूब जोड़तोड़ चल रहा है। गड़बड़ी करने वाले इंस्पेक्टर की कोशिश है कि कमेटी में ऐसे अधिकारियों को शामिल करा लिया जाए जो उनकी जान पहचान के हो, ताकि घोटाले का पर्दाफाश न हो। करनाल के लिए जो नाम कमेटी में फाइनल किए गए हैं, इसमें ऐसे कुछ अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं, जो करनाल मंडी के इंस्पेक्टर समीर के नजदीकी बताए जा रहे हैं। ऐसे में क्या कमेटी सच सामने लाएगी  अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कमेटी सच सामने ला पाएगी। हर बार कमेटी पीवी करती है। इसके बाद भी धान खरीद घोटाला हर बार हो रहा है। ज्यादातर राइस मिलर्स को कमेटी क्लीनचिट दे देती है। यहीं वजह है कि इस बार भी कमेटी को लेकर राइस मिलर्स ज्यादा चिंतित नहीं है। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि कमेटी में विजिलेंस के अधिकारी शामिल होने चाहिए। इतना ही नहीं यह भी होना...

धान घोटाला: फिर रिश्वत जुटा खुद को बचाने की कोशिश में जुटे गड़बड़ी करने वाले मिलर्स

धान घोटाला: फिर रिश्वत जुटा खुद को बचाने की कोशिश में जुटे गड़बड़ी करने वाले मिलर्स  हर मिल संचालक से लिया जा रहा है पैसा, ताकि फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए आने वाली टीम को किया जाए मुंह बंद घोटालेबाज मिल संचालक खुद की गड़बड़ी को छुपाने के लिए सरकार पर लगा रहे तंग करने आरोप  द न्यूज इंसाइडर रिसर्च टीम , चंडीगढ़  उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के धान खरीद घोटाले पर उठाए गए कड़े कदमों पर पलीता लगाने के लिए करनाल के कई मिल संचालक सक्रिय हो गए हैं। ऐसे संचालकों ने दो तरफा काम करना शुरू कर दिया है। एक तो सरकार पर आरोप लगाना शुरू किया कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है, दूसरा हर मिल संचालक से एक लाख से दो लाख रुपए फंड लिया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस फंड से फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए आई टीम का मुंह बंद किया जाएगा। दूसरी ओर कई मिल परिसर में अभी भी पुलिस बल तैनात है। लेकिन करनाल में मिल एसोसिएशन के प्रधान विनोद गोयल के मिल के प्रति पुलिस और सरकार कुछ ज्यादा मेहरबानी दिखा रहे हैं। इसी तरह से मेयर के परिवार के मिल पर भी खासी मेहरबानी नजर आ रही है। विनोद गोयल का बयान, ह...

धान की फर्जी खरीद: सरकार ने प्रदेश भर के राइस मिल पर तैनात की पुलिस

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धान की फर्जी खरीद: सरकार ने प्रदेश भर के राइस    मिल पर तैनात की पुलिस द न्यूज इंसाइडर ने उठाया था मामला, सरकार ने लिया संज्ञान, उप मुख्य मंत्री ने सदन में दिया था आश्वासन कई राइसमिलर्स को क्षमता से डबल धान दिया गया, कागजों में उगा धान, इसलिए किसान हो रहे बदहाल द न्यूज इंसाइडर रिसर्च टीम, चंडीगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए सरकारी धान से चावल तैयार कराने वाले मिल पर सरकार ने पुलिस बल तैनात कर दिया है। देर रात पुलिस ने प्रदेश के सभी राइस मिल की जांच की। पुलिस ने मिल में धान व चावल की मात्रा का डाटा तैयार किया। द न्यूज इंसाइडर ने धान की फर्जी खरीद मामले को प्रमुखता से उठाया था। वेबसाइड के रिसर्च टीम ने अपनी छानबीन में पाया था कि हरियाणा में लगभग हर राइस मिल संचालक ने खाद्य आपूर्ति विभाग, मंडी कमेटी, आढ़ती ने मिल कर धान की फर्जी खरीद की है। यहीं वजह रही कि प्रदेश में धान की रिकार्ड पैदावार दिखायी गयी। दूसरी ओर धान उत्पादक किसानों की फसल नहीं बिक रही थी। कई जगह किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वेबसाइड ने एक टीम गठित कर गड़बड़ी का स्...

क्या विज की सक्रियता मनोहर के लिए संजीवनी का काम करेगी?

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क्या विज की सक्रियता मनोहर के लिए संजीवनी का काम करेगी? जेजेपी भले ही भाजपा के साथ सरकार में हैं, लेकिन उनके सामने असली चुनौती अपने मतदाता को संभलना है। सीएम का बैकफुट पर रहना जेजेपी के लिए सियासी तौर पर खासा फायदेमंद है। ऐसे में यदि विज सक्रिय रहते हैं तो वह किसी न किसी तरह से भाजपा को लाइमलाइट में रखने में कामयाब हो सकते हैं।   फाइल फोटो गूगल इमेज   द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो चंडीगढ़  विधानसभा चुनाव के निराशाजनक प्रदर्शन से भाजपा और सीएम मनेाहर लाल खट्टर का आत्मविश्वास खासा डगमगाया हुआ है। जेजेपी के साथ मिल कर सरकार बनाने की मजबूर के चलते सीएम पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। उन्होंने अभी तक न तो कोई ऐसा निर्णय लिया और न ऐसा कोई कदम उठाया जिससे लगे कि उनका आत्मविश्वास वापस आ रहा है। सीएम पिछले कार्यकाल में भी ज्यादा बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। उनकी इस बात को लेकर कई बार आलोचना होती रही कि ब्यूरोक्रेसी पर उनका नियंत्रण नहीं है। वह कार्यकर्ताओं की सुनते नहीं है, ब्यूरोक्रेसी के कहने पर ही काम करते हैं। अब जबकि किसी तरह से भाजपा सरकार बन गयी है,...
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धान घोटाला 9 : समीर यदि वाट्सअप डीपी के मुताबिक काम कर लेता तो शायद मिलर्स को न देता तय कोटे से ज्यादा धान              मंडियों में इंस्पेक्टर लगने के लिए खूब लगती है तिगड़म, दी जाती है मोटी रकम                   लाखों में होता है मंडी का सौदा, फर्जी खरीद दिखा की जाती है काली कमायी  द इंसाइडर न्यूज रिसर्च टीम, चंडीगढ़  करनाल अनाज मंडी में धान खरीद सीजन में कार्यरत इंस्पेक्टर समीर की वाट्सअप डीपी लगी है, इसमें एक छोटी बच्ची सात फुट लंबी लाठी पर पेट के बल लटकी हुई है। लाठी का बैलेंस उसका पिता बना रहा है। डीपी पर अंग्रेजी में लिखा है The distance between this father & his daughter  is HUNGER.Think before you waste FOOD इसका हिंदी में मतलब है कि इस बच्ची और पिता के बीच का जो अंतर है, वह भूख है, खाना वेस्ट करने से पहले यह सोचिए। बहुत सही बात समीर ने अपनी डीली पर लिखी है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि एक इंस्पेक्टर जो इस तरह की डीपी लगा रहा है, वह कैसे गरीबों का निवाला छीन सकता है।...
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धान घोटाला 8 :  विधानसभा में उठा करनाल में धान की फर्जी खरीद का मामला, विभाग ने इंस्पेक्टर से मांगा जवाब  क्यों क्षमता से अधिक धान खरीदा गया, करनाल मंडी के इंस्पेक्टर समीर पर उठ रहे सवाल  द इंसाइडर रिसर्च टीम  चंडीगढ़  करनाल अनाज मंडी में धान की फर्जी खरीद की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी। विपक्ष के नेता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले को उठाया। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने भी मामले पर चिंता जताते हुए जांच की मांग की। उपमुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सदन में  आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच होगी। दूसरी ओर जैस ही मामला विधानसभा में उठा तो खाद्य आपूर्त विभाग करनाल की ओर से सभी इंस्पेक्टर को एक पत्र लिख स्पष्टीकरण मांगा आखिर क्यों उन्होंने तय मात्रा से ज्यादा धान मिलर्स अलॉट किया है। इसका जवाब भी दो दिन के भीतर मांगा गया है।  बड़ा घोटाला है धान की फर्जी खरीद करनला में धान की फर्जी खरीद बड़ा घोटाला मानी जा रही है। इस बारे में विभाग के एसीएस एसएन राय को भी एक पत्र लिख कर जांच की मांग की है। क्योंकि इस गड़बड़ी से धान उत्पादक...
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कर्मचारियों पर सरकार का एक ओर प्रहार, अब 55 साल की उम्र या 25 साल की सेवा के बाद होंगे रिटायर्ड  बेरोजगारों को रोजगार नहीं, जो रोजगार में हैं, उन्हें बेरोजगार कर रही भाजपा सरकार  द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़  जेजेपी और भाजपा संयुक्त गठबंधन सरकार ने अब निर्णय लिया कि सरकारी कर्मचारी को 55 साल की उम्र में रिटायर किया जाएगा। दूसरा विकल्प यह रखा कि जिसकी सेवा 25 साल हो गयी, उसे भी रिटायरमेंट लेनी होगी। इस संबंध में सरकार की ओर से सभी विभागों में लिखित में आर्डर भिजवा दिया है। जेल विभाग में भेजे गए पत्र की कापी द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो के पास है। विपक्ष ने सरकार के इस निणर्य की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि यह सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। इस निर्णय से यह बात सही साबित हो रही है।             प्रतिकात्मक फोटो फिर कर्मचारियों को रिटारमेंट के बाद रखा ही क्यों जा रहा है यह सवाल भी उठ रहा कि यदि सरकार रोजगार बढ़ाना चाह रही है तो फिर रिटायर कर्मचारियों को दोबारा से क्यों रखती है। इसके पीछे सरकार की सोच क्या है? ...
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बहुत देर कर दी सांसद ने आते आते : पहुँचे   तो खाली हाथ, न योजना न रोजगार जीत के पांच माह बाद पहली बार अधिकारियों का परिचय लेने पहुंचे सांसद। मिलने की यदि यहीं रफ्तार रही तो कैसे होगा लोकसभा क्षेत्र का विकास द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो, करनाल   आखिरकार करनाल के सांसद लोकसभा चुनाव के बाद आज वीरवार को यहां पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों की बैठक की। कुछ प्लान बताए और जो विकास की योजनाएं चल रही थी इसका जायजा लिया। लोकसभा चुनाव से पहले सांसद जहां दावा करते थे कि वह यहां अपना कार्यालय बनाएंगे, लेकिन आज उन्होंने इससे स्पष्ट इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कैंप कार्यालय में उनका प्रतिनिधि बैठता है। लोग अपनी समस्याओं को लेकर वहां उनसे मिल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पानीपत में उनका निवास है। वहां भी लोग किसी भी वक्त आ सकते हैं। मतदाता हुए मायूस सांसद के इस रवैये से यहां के मतदाताओं को खासी निराशा मिली है। क्योंकि भले ही यहां सांसद बाहर के लोग जीतते रहे हो, लेकिन वह अपना निवास यहीं रखते थे। वह चाहे अरविंद शर्मा हो या फिर अश्वनी चौपड़ा। लेकिन भाटिया न...
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    पर्यावरण के मुद्​दे पर दांव पर सरकार की साख    पड़ोसी बनाए मुखबिर,सूचना पर मिलेंगे एक हजार    फजीहत से बचने को  सरकार का एक और विवादस्पद निर्णय,       विशेषज्ञों की राय, संजीदा नहीं नीतिनिर्धारक  द इंसाइडर न्यूज ब्यूरो, चंडीगढ़  स्मॉग पर लगातार निशाने पर आ रही सरकार एक के बाद एक ऐसे अव्यवहारिक निर्णय ले रही है, जिससे प्रदूषण तो कम होगा नहीं, बल्कि आम आदमी परेशान जरूर हो रहा है। पुराली जलाने को लेकर शुरूआत में तो कोई कदम उठाया नहीं। अब जब हर जगह सरकार की फजीहत हो रही है तो एक ओर निर्णय लिया गया है। अब यदि कोई भी व्यक्ति प्रशासन के किसी भी अधिकारी को पुराली जलाने की जानकारी देता है तो उसे एक हजार रुपए नकद इनाम दिया जाएगा। डायरेक्टर जनरल एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेल्फेयर डिपार्टमेंट पंचकुला की ओर से  इस संबंध में  एक पत्र जारी किया गया है। इसमें दावा किया कि जानकारी देने वाले का नाम भी पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने बताया कि यह किसान को किसान से लड़ा...
  धान घोटाला 7:  करनाल  मंडी में इंस्पेक्टर समीर की मिलर्स पर दरियादिली, तय मात्रा से ज्यादा दिया धान  कई राइसमिलर्स को क्षमता से डबल धान दिया गया, द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो लगातार उठा रहा मामला क्योंकि कागजों में उगा धान, इसलिए किसान हो रहे बदहाल, सरकार नहीं कर रही सुनवाई  द न्यूज इंसाइडर रिसर्च टीम , चंडीगढ़  करनाल अनाज मंडी में कम से कम 20 राइस मिलर्स पर  खाद्यआपूर्ति  विभाग के इंस्पेक्टर समीर की दरियादिली खूब रही। द न्यूज इंसाइडर रिसर्च टीम की पड़ताल में सामने आया कि कुछ राइस मिलर्स को उनकी तय क्षमता से डबल धान दे दिया गया है। यह धान सिर्फ कागजों में दिया गया। यहीं वजह रही कि मंडी में धान की रिकार्ड पैदावार दिखायी जा रही है। टीम ने आरटीआई और अपनी छानबीन के बाद पाया कि करनाल अनाज मंडी में यह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। केंद्र सरकार से धान खरीद के लिए बजट में गड़बड़ी की है। केंद्र से यह रकम इसलिए प्रदेश सरकार को मिली थी कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद कर राइस मिलर्स को दिया जाए। राइस मिलर्स इसका चावल बना कर एफसीआई को देंग...