कर्मचारियों पर सरकार का एक ओर प्रहार, अब 55 साल की उम्र या 25 साल की सेवा के बाद होंगे रिटायर्ड
द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़
जेजेपी और भाजपा संयुक्त गठबंधन सरकार ने अब निर्णय लिया कि सरकारी कर्मचारी को 55 साल की उम्र में रिटायर किया जाएगा। दूसरा विकल्प यह रखा कि जिसकी सेवा 25 साल हो गयी, उसे भी रिटायरमेंट लेनी होगी। इस संबंध में सरकार की ओर से सभी विभागों में लिखित में आर्डर भिजवा दिया है। जेल विभाग में भेजे गए पत्र की कापी द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो के पास है। विपक्ष ने सरकार के इस निणर्य की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि यह सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। इस निर्णय से यह बात सही साबित हो रही है।
प्रतिकात्मक फोटो
फिर कर्मचारियों को रिटारमेंट के बाद रखा ही क्यों जा रहा है
यह सवाल भी उठ रहा कि यदि सरकार रोजगार बढ़ाना चाह रही है तो फिर रिटायर कर्मचारियों को दोबारा से क्यों रखती है। इसके पीछे सरकार की सोच क्या है? सवाल यह भी उठ रहे है कि पहले ही अलग अलग विभाग में 50 हजार पदों पर भर्ती के आश्वासन दिए जा रहे हैं। यह भर्ती अभी तक नहीं हुई। सीएम मनोहर लाल ने पिछले शासनकाल में इन पदों पर भर्ती पूरे करने का वायदा किया थ कर्मचारी संगठनों के मुखियों का कहना है कि पहले सरकार यह भर्ती पूरी कर लें, इसके बाद ही रिटायरमेंट की उम्र करने का निर्णय ले।
कर्मचारियों की कमी की वजह से लोग हो रहे परेशान
इधर हालात यह है कि लगभग हर सरकारी विभाग में कर्मचारियों की कमी है। अधिकारी हो या कर्मचारी हर जगह भारी कमी है। इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के पास कई कई चार्ज होने की वजह से वह कहीं भी अपनी ड्यूटी सही से नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे मे यदि सरकार इस निर्णय को लागू कर देती है तो फिर तो कर्मचारियों की कमी और ज्यादा हो सकती है।
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बेरोजगारों को रोजगार नहीं, जो रोजगार में हैं, उन्हें बेरोजगार कर रही भाजपा सरकार
द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़
जेजेपी और भाजपा संयुक्त गठबंधन सरकार ने अब निर्णय लिया कि सरकारी कर्मचारी को 55 साल की उम्र में रिटायर किया जाएगा। दूसरा विकल्प यह रखा कि जिसकी सेवा 25 साल हो गयी, उसे भी रिटायरमेंट लेनी होगी। इस संबंध में सरकार की ओर से सभी विभागों में लिखित में आर्डर भिजवा दिया है। जेल विभाग में भेजे गए पत्र की कापी द न्यूज इंसाइडर ब्यूरो के पास है। विपक्ष ने सरकार के इस निणर्य की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि यह सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। इस निर्णय से यह बात सही साबित हो रही है।
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फिर कर्मचारियों को रिटारमेंट के बाद रखा ही क्यों जा रहा है
यह सवाल भी उठ रहा कि यदि सरकार रोजगार बढ़ाना चाह रही है तो फिर रिटायर कर्मचारियों को दोबारा से क्यों रखती है। इसके पीछे सरकार की सोच क्या है? सवाल यह भी उठ रहे है कि पहले ही अलग अलग विभाग में 50 हजार पदों पर भर्ती के आश्वासन दिए जा रहे हैं। यह भर्ती अभी तक नहीं हुई। सीएम मनोहर लाल ने पिछले शासनकाल में इन पदों पर भर्ती पूरे करने का वायदा किया थ कर्मचारी संगठनों के मुखियों का कहना है कि पहले सरकार यह भर्ती पूरी कर लें, इसके बाद ही रिटायरमेंट की उम्र करने का निर्णय ले।
कर्मचारियों की कमी की वजह से लोग हो रहे परेशान
इधर हालात यह है कि लगभग हर सरकारी विभाग में कर्मचारियों की कमी है। अधिकारी हो या कर्मचारी हर जगह भारी कमी है। इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के पास कई कई चार्ज होने की वजह से वह कहीं भी अपनी ड्यूटी सही से नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे मे यदि सरकार इस निर्णय को लागू कर देती है तो फिर तो कर्मचारियों की कमी और ज्यादा हो सकती है।
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