खाद्य आपूर्ति विभाग के  इंस्पेक्टर समीर पर धान खरीद में अनियमितता का आरोप, निदेशालय में भेजा पत्र 
करनाल में धान खरीद में भारी गड़बड़ी, द न्यूज इनसाइडर ने उठाया था मामला, सरकार ने लिया संज्ञान, करायी थी स्पेशल पीवी 

द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो चंडीगढ़ 

करनाल अनाज मंडी में  सरकारी धान खरीद घोटाले में इंस्पेक्टर समीर की भूमिका संदेह के घेरे में है। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने बताया कि इस बाबत निदेशालय को एक रिपोर्ट भेज दी है। अब आगे की कार्यवाही निदेशालय के स्तर पर होगी। द न्यूज इनसाइडर के पास धान खरीद में बरती गयी अनियमितता की लिस्ट है, इसमें कई ऐसे मिल संचालक है, जिन्हें तय कोटे से ज्यादा धान दिया गया है। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवाेकेट राकेश ढुल ने बताया कि धान खरीद का यह सबसे बड़ा घोटाला है। इसमें अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने बताया कि समीर को खरीद सीजन के दौरान ही लगाया गया था। इसलिए जांच यह भी होनी चाहिए कि किस सीनियर अधिकारी ने समीर को करनाल मंडी में लगाने की भूमिका तय की है।

क्यों गंभीर है यह घोटाला 
इसलिए क्योंकि धान की इस बार रिकार्ड फर्जी खरीद हुई है। अधिकारियों की इसमें मिलीभगत नजर आ रही है। मामला इतना गंभीर था कि विधानसभा में भी इस उठाया गया था। इसके बाद ही सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में जांच की जाएगी। इसी क्रम में अब मिलों की जांच हो रही है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक पीवी में 20 मिल के स्टॉक में गड़बड़ी मिली है। इस बात की तस्दीक अनिल कुमार ने की है।


मंडी कमेटी के एकाउटेंट ने काटे होटल में फर्जी गेट पास 
धान खरीद के दौरान मंडी कमेटी के एक एकाउटेंट ने होटल में बैठ कर फर्जी तरीके से गेट पास तैयार किए। बताया जा रहा है कि वहां छापे के दौरान दस्तावेज को जब्त किया गया। इसी दौरान एकाउटेंट वहां से फरार हो गया है। इतना ही नहीं कुछ ऐसी रिकार्डिंग भी है, जो इशारा कर ही है कि फर्जी गेट पास काटे गए है। यूथ फॉर चेंज की मांग है कि इस मामले में मंडी कमेटी के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इसके बाद ही यह घोटाला सामने आ सकता है। एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि मंडी कमेटी की जांच के बाद ही घोटाले की तह तक जाया जा सकता है।




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