धान घोटाला 8 :  विधानसभा में उठा करनाल में धान की फर्जी खरीद का मामला, विभाग ने इंस्पेक्टर से मांगा जवाब 


क्यों क्षमता से अधिक धान खरीदा गया, करनाल मंडी के इंस्पेक्टर समीर पर उठ रहे सवाल 


द इंसाइडर रिसर्च टीम  चंडीगढ़ 

करनाल अनाज मंडी में धान की फर्जी खरीद की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी। विपक्ष के नेता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले को उठाया। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने भी मामले पर चिंता जताते हुए जांच की मांग की। उपमुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सदन में  आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच होगी। दूसरी ओर जैस ही मामला विधानसभा में उठा तो खाद्य आपूर्त विभाग करनाल की ओर से सभी इंस्पेक्टर को एक पत्र लिख स्पष्टीकरण मांगा आखिर क्यों उन्होंने तय मात्रा से ज्यादा धान मिलर्स अलॉट किया है। इसका जवाब भी दो दिन के भीतर मांगा गया है। 





बड़ा घोटाला है धान की फर्जी खरीद

करनला में धान की फर्जी खरीद बड़ा घोटाला मानी जा रही है। इस बारे में विभाग के एसीएस एसएन राय को भी एक पत्र लिख कर जांच की मांग की है। क्योंकि इस गड़बड़ी से धान उत्पादक किसान सीधे सीधे प्रभावित हुए हैं। किसानों की धान बिकी नहीं, जबकि इंस्पेक्टर ने मिल कर धान की फर्जी खरीद कागजों में दिखा दी। द इंसाइडर रिसर्च टीम के पास जो दस्तावेज है, इसके मुताबिक कम से कम तीस प्रतिशत धान की खरीद फर्जी तरीके से की गयी है। यहीं वजह रही कि धान खरीद का कोटा कागजों में पूरा हो गया। अब किसान धान की बिक्री के लिए मारे मारे घूम रहे हैं।





तो क्या अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इस घोटाले की जानकारी सीनियर अधिकारियों को नहीं है। जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता कि उन्हें इसकी जानकारी न हो, क्योंकि इतने बड़े स्तर पर यदि गड़बड़ी होती है तो निश्चित ही इसकी जानकारी सीनियर को होनी चाहिए। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि उन्होंने इस बाबत एक पत्र एसीएस को लिखा है। उन्होंने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उपमुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। उनकी मांग है कि जिन राइस मिल को तय मात्रा से अधिक मात्रा में धान दिया गया, उनकी विजिलेंस टीम से फिजिकल वैरिफिकेशन करायी जानी चाहिए। जिससे सच सामने आ सके।




इंस्पेक्टर समीर ने तो धान अलॉटमेंट के सारे रिकार्ड तोड़ दिए
करनाल अनाज मंडी में धान खरीद के दस्तावेज की पड़ताल करने पर सामने आया कि कई राइस मिल पर इंस्पेक्टर समीर खासे मेहरबान रहे। उन्होंने इन मिल को तय कोटे से बहुत ज्यादा धान दिया है। हालांकि द न्यूज इंसाइडर टीम ने जब उनसे संपर्क किया तो उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन डीएफएससी कुलश बुरा की नालेज मे यह मामला लाकर ही ज्यादा धान दिया गया है। लेकिन कुशल बुरा ने इस तरह की किसी भी इजाजत से इंकार किया है।




तो क्या समीर झूठ बोल रहे हैं

https://thenewsinsider1.blogspot.com/2019/11/7-20-70-1-40-80-2-70-100-3-40-90-4-40.html


अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या समीर ने मीडिया को गलत जानकारी दी। कम से कम कुशल बुरा के बयान से तो यहीं साबित हो रहा है। इसके अलावा यदि समीर की बात सही है तो फिर विभाग की ओर से इंस्पेक्टर को पत्र लिख कर धान के तय कोटे से ज्यादा अलॉटमेंट पर पत्र लिख कर स्पष्टीकरण क्यों मांगा है। इससे भी साबित हो रहा है कि कहीं न कहीं समीर गलत जानकारी दे रहे हैं।

बहरहाल द न्यूज इंसाइडर टीम लगातार इस मामले की पड़ताल कर रही है। क्योंकि यह घोटाला न सिर्फ किसानों के साथ है, बल्कि उन गरीब लोगों के साथ भी है जिन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते दाम पर चावल मिलता है।
एडिटर  नोट: धान घोटाला हरियाणा का सबसे बड़ा घोटाला है। क्योंकि यह सरकारी फंड में हेरोफरी कर किसानों के हक पर सीधा डाका डाला जा रहा है। द न्यूज इंसाइडर टीम इस घोटाले की तह में गयी है। इसी को लेकर लगातार एक सीरिज चलाई जा रही है।


धान घोटाला 1
https://thenewsinsider1.blogspot.com/2019/10/blog-post.html


धान घोटाला 2 



धान घोटाला 3 


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