चहेतों को इतना दिया धान की रखने की जगह भी नहीं, कई मिलर्स धान के लिए फिर रहे मारे मारे


चहेतों को इतना दिया धान की रखने की जगह भी नहीं, कई मिलर्स धान के लिए फिर रहे मारे मारे 


धान की लूट 3 





द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, करनाल




 

इस बार करनाल की मंड़ियों में धान की जमकर लूट हुई, फिर भी कई राइस मिलर्स ऐसे रह गए, जिनका कोटा भी पूरा नहीं हो पाया। जबकि काफी राइस मिलर्स ऐसे भी है, जिनके पास धान रखने की पर्याप्त जगह तक नहीं। उन्हें नियमों के खिलाफ जाकर ज्यादा धान दे दिया, काफी राइस मिलरों ने धान तो लिया, लेकिन सिर्फ कागजों में। जो बताने के लिए काफी है कि करनाल की सभी मंड़ियों में उस धान की लूट हुई, जो मंड़ियों में आया ही नहीं।लेकिन इस धान के पैसे सरकार से राइस मिलरों, सम्बिधत विभागों के अधिकारियों ने हड़प लिए।


राइस मिलरों ने किसी न किसी से मिलकर फर्जी धान खरीदा, उसके पैसे सरकार से लिए। अगर सरकार मामले  की तह तक जाए तो अब भी मिलों से खरीदी जा चुकी आधी धान गायब मिलेंगी। क्योंकि उनके पास धान है ही नहीं। लेकिन जांच में सिर्फ व सिर्फ काफी मात्रा में अन्य प्रदेशों चावल मिल जाएगा। जिसका जवाब किसी के पास नहीं होगा। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक राइस मिलर ने बताया कि राइस मिलरों को पता है कि सरकार कभी भी या सीजन के टाइम में फिजिकल वैरीफिकेशन करवा सकती है, इससे बचने के लिए कई मिलरों ने प्राइवेट गोदाम जगह पर लिए है्, जहां पर चावल स्टाक करके रखा हुआ हैं, अगर जांच भी हो तो साफ निकला जा सके।




यूपी से सस्ते दामों पर खरीदा धान, मंड़ियों में बेचा समर्थन मूल्य पर

करनाल की मंडी के कई आढ़ती ऐसे है, जिनका लगभग काम ही यूपी का धान सस्ते दामों पर खरीदकर फर्जी गेट पास कटवाकर समर्थन मूल्य पर बेचना है। जिससे ये आढ़ती प्रति किवंटल 2 सौ से 3 सौ रुपए का मुनाफा कमाया है। इसके अलावा जिन राइस मिलरों को धान दिया गया, उनके पास तो स्पेस तक नहीं, अर्थात कहां पर धान सुखाया जाएगा, कहा पर रखा जाएगा। सब कुछ मिलीभगत करके बांट दिया। जो गंभीर मामला हैं।





किसान-राइस मिलर कर रहे खरीद शुरू होने का इंतजार



काफी किसान अब भी धान लेकर मंड़ियों में लेकर आ रहे है, लेकिन उसे खरीदने वाला कोई नहीं। जबकि वे राइस मिलर तड़फ रहे है उन्हें जो कोटा सरकार ने दिया है, उसे किसी तरह पूरा कराया जाए। फर्जी धान खरीद में किसानों को पिसना पड़ रहा है,अगर फर्जी धान के पर्चे न कटे तो राइस मिलरों का कोटा कैसे पूरा होगा। वे धान को उंचे दामों पर खरीदने के लिए मजबूर होगे, जो किसानों को हित में होगा। लेकिन मंड़ियों में सरकारी पैसे की लूट हुई, जो जांच का विषय हैं।



धान घोटाला 2 




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छत्तीसगढ़ के श्रममंत्री के घर में बालको की यह कैसी रणनीति

वेदांता के एथेना थर्मल सिंधीतराई से ग्राउंड रिपोर्ट

वेदांता के खिलाफ हुए ओडिसा के आदिवासी