संदेश

दिसंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
चित्र
पीवी करने वाले अधिकारियों की निष्ठा पर सवाल खड़े कर रहा पीडीएस का आ रहा चावल  हर रोज सौ से ज्यादा ट्रक आ रहे अलग अलग राइस मिल में, सबसे ज्यादा  चावल वह मिलर्स मंगा रहे, जिन्होंने मिलिंग कमेटी द्वारा तय किए गए धान के कोटे से ज्यादा धान लिया  घोटाला पकड़ना है तो फिर मिलिंग कमेटी के कोटे से ज्यादा धान लेने वाले मिलर्स के खिलाफ सख्ती क्यों नहीं  पीवी करने वाली टीमों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता यूपी से आ रहा पीडीएस का चावल, यह वल यूपी खाद्य विभाग के मार्का बोरियों में हैं। जो न सिर्फ यह दिखा रहा कि माफिया की जड़ कितनी गहरी है, बल्कि यह भी बता रहा है कि करनाल में सरकारी धान खरीद में कितनी गड़बड़ हुई। गोदामों में माल को पूरा करने के लिए यूं सरेआम यूपी से पीडीएस का सस्ता चावल आ रहा है।  द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो चंडीगढ़ सरकार ने दो दो बार पीवी करा ली। रैंडम पीवी भी हो चुकी। इसके बाद भी मिलर्स यूपी और बिहार से पीडीएस का चावल धड़ल्ले से मंगा कर स्टाॅक पूरा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे में सहज ही यह सवाल उठ रहा है कि यदि पीवी करने वाली टीमों ने ...
चित्र
बेइमान अफसरों को नजर नहीं आया राइस मिल में जमा हो रहा गरीबों का निवाला   सरकारी धान घोटाला: पारदर्शी सरकार के घूसखोर अफसरों ने यूं पूरा किया स्टॉक द न्यूज इनसाइडर टीम का स्टिंग: यूपी से पीडीसी का माल दिन रात आ रहा मिलों में  द न्यूज इनसाइडर, चंडीगढ़  सरकारी धान खरीद में हुए घोटाले  को फिजिकल वैरिफिकेशन करने वाले कुछ अफसर भी घोटालेबाज मिल संचालकों से मिल गए। यहीं वजह रही कि मिलों के परिसर में यूपी और बिहार से आ रहा पीडीएस चावल के ट्रक नजर नहीं अा रहे हैं। तभी तो उन्होंने सरकार को रिपोर्ट भेजी, इसमें सब कुछ सही दिखा दिया गया। जबकि हकीकत इससे बहुत अलग है। द न्यूज इनसाइडर की टीम के स्टिंग ने मिलों में यूपी बिहार से पीडीएस के आ रहे चावल को पकड़ा है। यहीं वजह घोटाला है, जिसे टीम बार बार उठा रही है। लेकिन सरकार की तमाम मुस्तैदी के बाद भी यह घोटाला सामने नहीं आ पाया है। हालांकि यह पहला मौका है, जब पीवी दो बार हुई, इसके बाद स्पेशल पीवी और रैंडम पीवी भी हुई। मिल के बाहर खडे़ चावल के ट्रक  पिंगली रोड पर यूपी अौर बिहार के पीडीएस के चावल से लदे ट्रक र...
चित्र
पीवी के लिए बनी कमेटियां, पहले चरण की जांच के लिए मिल किए चिंहित द न्यूज इनसाइडर के पास सबसे पहले पहुंची लिस्ट द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़ फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए आखिरकार टीमों का गठन कर दिया गया है। पहले चरण में काैन कौन से राइस मिल की पीवी होगी, इसकी भी लिस्ट तैयार हो गयी है। यह लिस्ट संबंधित अधिकारियों तक भेज दी गयी है। अब से कुछ देर में पीवी का काम शुरू हो जाएगा। यह स्पेशल पीवी तब हो रही है, जब इस बार धान की सरकारी खरीद में घोटाले के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के बाद ही सरकार ने यह निर्णय लिया था। बताया गया कि पीवी के लिए इस बार वीडियोग्राफी भी होगी। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि पीवी के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने मिल संचालकों को यह भी यकीन दिलाया कि पीवी के दौरान उन्हें किसी भी तरह से तंग नहीं किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी उन्हें तंग करता है तो इसकी शिकायत वह विभाग को करें, निश्चित ही ऐसा करने वाले अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्यवाही होगी। दूसरी ओर पीवी के लिए अब मिल संचालक भ...
चित्र
भाजपा के चेहते मिलर्स करा रहे सरकार की फजीहत, नहीं झूकी सरकार, पीवी 20 से शुरू द न्यूज इनसाइडर की स्टोरी से सरकार की सीख, मिलर्स को दो टूक, पीवी होगी, मंजूर नहीं तो कर दो धान वापस हमारा मत मत: विरोध करने वाले मिलर्स की पीवी सही से तो घोटाला खुद ब खुद उजागर होगा द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़ फिजिकल वैरिफिकेशन (पीवी ) का विरोध करने वालों में ज्यादातर वह मिलर्स शामिल है, जो एक समय भाजपा के काफी नजदीक रहे हैं। यहीं मिलर्स बाकी मिलर्स पर दबाव बना कर सरकार की फजीहत करा रहे हैं। पीवी के विरोध में सरकारी धान से चावल न बनाने का निर्णय लेने के पीछे भी इनकी अपनी सोच है। न्यूज वैबसाइट के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि यदि पीवी का विरोध करने वाले मिल संचालक नेताओं के धान के स्टॉक का सही से निरीक्षण हो जाए तो पता चल जाएगा कि इस बार धान खरीद में कितना बड़ा घोटाला हुआ है। यहीं वह चंद लोग है जो बाकी मिलर्स पर दबाव बनाए हुए हैं कि वह भी पीवी का विरोध करे। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि सरकार को चाहिए कि उन राइस मिलर्स की पीवी विशेष तौर पर कराए, जिन...

सरकारी धान में गड़बड़ी करने वाले अब सरकार को कर रहे ब्लैकमेल, काम बंद करने की धमकी

चित्र
सरकारी धान में गड़बड़ी करने वाले अब सरकार को कर रहे ब्लैकमेल, काम बंद करने की धमकी  घरौंडा में सोमवार को बैठक की, मंगलवार को एसडीएम को सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन   द न्यूज इनसाइडर  का मत : सरकार को चाहिए कि ज्ञापन   सौंपने वाले मिलर्स से एफसीआई और विशेषज्ञों की देखरेख मे  उठवा लें धान सारे घोटाले का आसानी से पर्दाफाश हो जाएगा। क्योंकि भ्रष्ट मिल संचलाकों ने अफसरों, नेताओं व मीडिया को रिश्वत देने के लिए खूब जुटाया चंदा  द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़  सीएम सिटी करनाल में सरकारी धान में गड़बड़ी करने वाले मिलर्स ने फिजिकल वैरिफिकेशन से बचने के लिए अब नया दांव खेला है। तीन मीटिंगों के बाद भी जब सरकार  ने पीवी वापस नहीं ली तो मिलर्स ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसमें  वह मिलर्स सबसे ज्यादा है, जिन्होंने सरकारी धान खरीद में गड़बड़ी की है। क्योंकि पीवी का सबसे ज्यादा खतरा उन्हें हैं, इसलिए वह सही काम करने वाले मिलर्स को साथ मिला कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश है। मिल की प्रशासन को चाबियां सौंपने के पीछे भी यहीं चाल है।...
चित्र
पीवी में बचने के हथकंडे खोजने में जुटे राइस मिलर्स, स्टॉक पूरा करने को मंगाया बाहर से  चावल  कुरुक्षेत्र में मिलर्स ने बैठक कर फंड जुटाने पर दिया जोर, बोले उपर पैसे भेजने हैं  द  न्यूज इनसाइडर , चंडीगढ़  सरकारी धान से चावल बनाने का काम करने वाले मिलों के फिजिकल वैरिफिकेशन (पीवी )दोबारा कराने के सरकार के निर्णय से राइस मिलर्स में हड़कंप मचा हुआ है। पहली पीवी किसी तरह से पूरी करने वाले मिल संचालकों के सामने अब समस्या यह है कि दोबारा कैसे स्टॉक पूरा दिखाया जाए। इसी को लेकर एक ओर जहां राइस मिल संचालक बैठक कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बड़ी मात्रा में यूपी और बिहार से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का चावल मंगाया जा रहा है। इस चावल के दम पर अपना स्टॉक पूरा दिखाया जा सके। करनाल में हर रोज बड़ी संख्या में चावल के ट्रक आ रहे हैं। जिन्हें मिल परिसरों के गोदामों में खाली कराया जा रहा है। इस बार धान की सरकारी खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने मिलर्स व आढ़तियों के साथ मिल कर धान की फर्जी खरीद की।  द न्यूज इनसाइडर ने इस घोटाले को उठाया। सरकार ने ...
चित्र
द न्यूज इनसाइडर के स्टिंग का असर: केंद्र सरकार  ने लिया करनाल राइस मिलों की स्पेशल पीवी का निर्णय  दिल्ली में हुई बैठक में बनी सहमति, करनाल के 70 प्रतिशत मिलों में  हुई धान की फर्जी खरीद द न्यूज इनसाइडर ने उठाया था मामला, इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने लिया निर्णय  द न्यूज इनसाइडर , चंडीगढ़  सरकारी धान खरीद में हुई भारी गड़बड़ी को देखते हुए एक बार फिर से फिजिकल वैरिफिकेशन पीवी कराने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस मामले को लेकर दिल्ली में एक बैठक आयोजित हुई। इसमें तय किया गया कि इस बार पीवी का काम विशेष टीम करेगी। कहां कहां पीवी होनी है, , इसके लिए मिलों की लिस्ट तैयार की जाएगी। द न्यूज इनसाइडर टीम ने पिछली पीवी के बाद एक स्टिंग किया था, इसमें सामने आया था कि टीम में शामिल अधिकारियों ने पचास हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए लेकर मिलों में स्टॉक पूरा कर दिया। पोर्टल ने इस मामले को उठाया है। बकायदा से एक टीम बना कर धान खरीद प्रक्रिया पर नजर रखी है। इसके बाद लगातार मामले का फालोअप किया जा रहा है। फिर भी बार बार मामला उठाने के बाद भी इस मामले को दबाया जा रहा है...
चित्र
पचास हजार से पांच लाख रुपए में पूरा हो गया मिलों में धान का स्टॉक द न्यूज इनसाइडर का स्टिंग, मिलों में अभी भी धान कम है, फिर भी टीम ने कर दिया पूरा Add caption सरकारी धान में घोटाला, फिर पीवी टीम ने किया जम कर भ्रष्टाचार द न्यूज इनसाइडर चंडीगढ़ सरकारी धान में गड़बड़ी करने वालों की जड़ खासी गहरी है। सरकार ने जब स्पेशल पीवी (फिजिकल वैरिफिकेशन')कराने का निर्णय लिया तो जांच टीम में शामिल इंस्पेक्टर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया। जिस भी मिल में धान का स्टाॅक कम मिला, इसे पचास हजार रुपए से पांच लाख रुपए लेकर लेकर पूरा कर दिया। द न्यूज इनसाइडर की टीम के स्टिंग में सामने आया कि अभी भी इन मिलों में धान का स्टॉक नहीं है। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने इस संबंध में निदेशालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके दास को एक पत्र लिख कर जांच की मांग की है। अकेले करनाल में ही यह सरकारी धान में घोटाला नहीं हुआ। इसके अलावा तरावड़ी, नीलोखेड़ी, जुंडला, इंद्री व असंध, निसिंग में भी यह घोटाला हुआ है। लेकिन इस ओर तो सरकार ज्यादा ध्यान नहीं दिया...

फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने राइस मिलर्स से चावल लेने से किया मना , लिखा पत्र

चित्र
फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने राइस मिलर्स से चावल लेने से किया मना , लिखा पत्र धान घोटाले पर द न्यूज इनसाइडर ने उठाया था मामला, अब एफसीआई ने लिया संज्ञान द न्यूज इनसाइडर चंडीगढ़ फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने मिलर्स से लेवी का चावल लेने से मना कर दिया है। इस संबंध में कारपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से एक पत्र लिख दिया गया है। द न्यूज इनसाइडर ने सरकारी धान में हो रहे घोटाले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद सरकार ने जहां प्रदेश भर के सभी राइस मिलर्स के यहां पुलिस तैनात कर दी थी, वहीं स्पेशल फिजिकल वैरिफिकेशन भी करायी। इसमें पाया गया कि अकेले करनाल में 40 राइस मिल में धान कम मिली है। इसकी रिपोर्ट अब सरकार को भेज दी गयी है। दूसरी ओर एफसीआई ने संभावित गड़बड़ी को देखते हुए तय किय कि आगामी आदेश तक मिलर्स से चावल लेने की प्रक्रिया कुछ समय के लिए बंद कर दी जाए। अब आगे क्या हो सकता है एफसीआई के उच्च अधिकारियों के अनुसार इस बार प्रदेश सरकार से लिखित में आश्वासन चाहिए कि धान का भुगतान आढ़ती की बजाय सीधे किसान को होना चाहिए। तभी धान की सरकारी खरीद में चल रहे घोटाले को रोका जा सकता है। ...