धान घोटाला 4: देख तेरे राज में किसान की क्या हालात हो गयी सरकार

धान घोटाला 4: देख तेरे राज में किसान की क्या हालात हो गयी सरकार



केंद्र के जिस पैसे से खरीदा जाना था पीआर धान, अधिकारियों, आढ़तियों व मिलर्स ने उससे खरीद लिया बारिक



तीन दिन से पीआर धान की खरीद बंद, मंडियों में अनाज बिकने के इंतजार में किसान






अभी तक करीब 15 राइस मिलरों का कोटा तक नहीं हुआ पूरा



द न्यूजइंसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़ 


इस बार करनाल अनाज मंडियो में बड़ा धान घोटाला हो गया है। इसमें खाद्य आपूर्ति अधिकारियों, मिलर्स, आढ़तियों व मंडी कमेटी के कुछ अधिकारियों की सीधी संलिप्ता नजर आ रही है। केंद्र से जो फंड किसानों की पीआर धान खरीदने के लिए आया था, अधिकारियों ने मिलर्स के साथ मिल कर फर्जी खरीद दिखा कर रकम मिलर्स को दे दी। कागजों में तो अब सरकार ने धान का पूरा कोटा खरीद लिया। जबकि हकीकत यह है कि बिना खरीद किए ही केंद्र से आए इस फंड की बंदरबांट कर ली गयी। अब जो सही किसान है, वह अपनी धान की फसल को लेकर मंडियों में तीन दिन से पड़े है। लेकिन खरीद एजेंसियां कोटा पूरा होने की बात कहते हुए खरीद से इंकार कर रही है। अब किसानों के सामने संकट यह है कि वह पीआर धान बेचे किसे? इधर सरकार की खरीद बंद होने की वजह से धान खरीददारों ने दाम बहुत कम कर दिए हैं। आकड़ों के अनुसार अभी भी मंड़ियों में एक लाख किवंटल से अधिक पीआर धान पड़ा है। प्राइवेट खरीदार धान को औने पौने दामों में खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि यहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इसके लिए वह सीधे तौर पर सरकार और अधिकारियों का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।



उंचे दामों में बेचेंगे चावल को


किसान का फंड मुनाफा कमाएंगे राइस मिलर्स
केंद्र के जिस फंड से पीआर धान खरीद कर इसका चावल तैयार कर केंद्र को दिया जाना था, इस रकम से मिलर्स ने बासमती किस्म का धान खरीद लिया है। इस चावल को वह विदेशों व बाजारों में उंचे दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमाएंगे और फिर बाहरी प्रदेशों से मंगवाया गया चावल सरकार को वापस करने के लिए जल्दबाजी का दिखावा करेंगे। जिससे वे सरकार से पैसे से दोनों और से मोटा मुनाफा कमाकर जहां सरकार को अरबों का चूना लगाएंगे।


सरकार के प्रति गुस्से में किसान

किसानों ने बताया कि सरकार उनकी दिक्कत की ओर ध्यान नहीं दे रही है। हालात यह है कि वह बार बार धान की खरीद शुरू होने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक खरीद शुरू करने की दिशा में कुछ नहीं हो रहा है। लाचार किसान अपना रोष सरकार के प्रति व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से उन्हें इस तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि जल्दी ही सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।


क्योंकि सरकार में असमजंस है, इसलिए नहीं हो रही किसानों की सुनवाई

इधर भाजपा को इस बार स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। हालांकि जननायक जनता दल के साथ मिल कर उन्होंने सरकार बना ली, इसके बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी तक सीएम ने मंत्री नहीं बनाए। इस स्थिति का अधिकारी पूरा फायदा उठा रहे हैं। क्योंकि वह क्या कर रहे हैं, इस पर किसी भी स्तर पर जांच नहीं हो रही है। धान खरीद कर रहे अधिकारियों को मनमानी करने का पूरा मौका मिल गया है।




डीएफएससी का हुआ तबादला


द न्यूजइंसाइडर ने यह मामला जोर सोर से उठाया, इसी बीच सरकार ने करनाल के डीएफएससी कूशल बूरा का तबादला कर दिया, हालांकि इसके क्या कारण रहे। इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। इतना तय है कि सरकार के संज्ञान में पूरा मामला पहुंच गया है क्यों लोकल किसान धान बेचने के लिए मारे मारे फिर रहे है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी किसानों की दिक्कतों को देखते हुए कहना पड़ा कि धान का एक एक दाना खरीदा जाएगा। लेकिन उनका यह वायदा भी अभी तक पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।





धान घोटाला 1
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धान घोटाला 2 



धान घोटाला 3 




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