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अक्टूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इस भ्रष्टाचार पर मौन क्यों मनोहर/#cmManhorlal/#breakingnews/#jjp/#inld?#...

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  अवैध कॉलोनी में बेखौफ चल रहा अवैध निर्माण, कार्रवाई न होने से बनने लगे बड़े-बड़े भवन क्या अवैध कॉलोनियों में जानबूझ कर नहीं की जा रही कार्रवाई 29 जून को हुई थी अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई द न्यूज इनसाइडर करनाल शहर में अवैध कॉलोनियों को विकसित होने से रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाए हुए है, बावजूद अवैध कॉलोनियां धड़ाधड़ कट रही है। कथित प्रभावशाली कई कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनियों को काटकर जहां शहर का नक्शा खराब करने में जुटे है, साथ ही करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। जो बताने के लिए काफी है कि अवैध कॉलोनियों को काटने वालों को पूरा संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वे बे-खौफ हो चुके हैं। उनके सामने कानून नाम की कोई चीज नहीं। क्या ये हो सकता है कि कई बार नगर निगम-डीटीपी की संयुक्त टीमों द्वारा अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई करने के बाद भी निर्माण कार्य चलता रहे। लेकिन ये सब नैशनल हाइवे-44 स्थित महेंद्रा शोरूम के पीछे काटी जा रही अवैध कॉलोनी में आसानी से देखा जा सकता हैं। नैशनल हाइवे-44 स्थित महेंद्र शोरूम के पीछे करीब 8 एकड़ में काटी जा रही अवैध कॉलोनी में धड़ल्ले से ...

जीत के लिए नेता क्या क्या वायदे कर रहे हैं/#baroda/#jjp/#inld/#congress

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खरीद एजेंसियों ने गलत खातों में भेजे 250 करोड़, आढ़तियों ने दी राज्य स्तरीय आंदोलन की चेतावनी

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  खरीद एजेंसियों ने गलत खातों में भेजे 250 करोड़, आढ़तियों ने दी राज्य स्तरीय आंदोलन की चेतावनी आढ़तियों ने कहा कि अतिशीघ्र भेजे खातों में पैंसे, नहीं तो प्रदेश स्तरीय होगा आंदोलन                                                                                                                                                                                                            ...

अवैध कालोनी के सवाल पर क्यों भाग रहे अधिकारी/#cm/#karnal/#breakingnews/#...

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  शहर में अवैध कॉलोनियों का कारोबार.. बुढ़ाखेड़ा अवैध कॉलोनी का नाम सुनकर सरके डीटीपी, कहा जानकारी नहीं द न्यूज इनसाइडर करनाल करनाल। नगर निगम के अंतर्गत आने वाले बुढ़ाखेड़ी के पास लैंड माफिया धड़ाधड़ अवैध कॉलोनी काटने में जुटे है, वहीं डी.टी.पी.-नगर निगम अधिकारियों को जानकारी न होना समझ से परे हैं। जो अपने आप में गंभीर सवाल खड़ा करने के लिए काफी हैं। जहां लैंड माफिया अवैध कॉलोनी को काटकर करोड़ों में खेल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शहर की तस्वीर बिगड़ रही है। ध्यान अवैध कॉलोनी को विकसित होने से रोकने के लिए न होकर लैंड माफियाओं को आशीर्वाद देना हैं। जिससे वे अवैध कॉलोनी धड़ाधड़ काट सके। अवैध कॉलोनी विकसित हो रही है, उसे रोकने के लिए जिम्मेवार अधिकारी कुछ न करे तो इसे क्या कहा जाए। ऐसा नहीं है कि अवैध कॉलोनी बुढ़ाखेड़ा के पास ही विकसित हो रही है। क्या टाउन प्लालर व नगर निगम प्रशासन का तंत्र इतना कमजोर है कि उन्हें शहर में कट रही अवैध कॉलोनियों के बारे मे जानकारी न हो। अगर ऐसा है तो ये बहुत ही गंभीर प्रश्न हैं। क्योंकि अवैध कॉलोनियों को कटने से रोकने के दोनों ही विभागों के पास टीमें बनी ह...

1509 की एमएसपी पर खरीद, किसे लाभ पहुंचा रहे दुष्यंत चौटाला/#Dushyantchot...

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बरोदा में क्या दुष्यंत लगा पाएंगे योगेश्वर की नैया पार/#barodabyelection...

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सीएम की इस बात पर छोड़ी थी कपूर नरवाल ने भाजपा/#bjp/#kaporsinghnarwal/#i...

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हुड्डा की कौन सी गलती बरोदा में पड़ रही भारी/#baroda/#hudda/#congress/#b...

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जानिए इस बार भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने जीत की क्या रणनीति बनायी

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  मोदीपुर अस्थाई मंडी खरीद मामला.. खरीद प्रक्रिया सवालों के घेरे में.. बिना रजिस्ट्रेशन कैसे खरीदा धान पांच दिन में खरीदा करीब 50 हजार क्विंटल धान द न्यूज इनसाइडर करनाल मोदीपुर में बनाई गई अस्थाई अनाजमंडी में हुई खरीद प्रक्रिया पर धांधली के आरोप लगे हैं। चूंकि फसल बेचने के लिए किसान के पास न मैसेज भेजा गया, न ही किसान ने फसल बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया।  क्योंकि पोर्टल खुला ही नहीं था। फिर भी खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर समीर विशिष्ट ने यूपी के किसानों से 50 हजार क्विंटल धान खरीद डाली। जिससे मंडी में हुई खरीद प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। खरीद एजेंसी ने ये देखने की जहमत नहीं उठाई कि जब पोर्टल पर यूपी के किसानों ने रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया तो कैसे धान खरीद सकते है? करनाल में विपक्षी पार्टी के नेता सरदार तरलोचन सिंह ने भी मोदीपुर मंडी में की गई खरीद प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाकर जांच कि मांग की है। सवाल उठ रहा है कि जो धान खरीदा गया, वो उस समय किसका था। हालांकि खाद्य आपूर्ति विभाग के डीएफएससी निशांत राठी ने सभी आरोपों को खारि...

बरोदा उप-चुनाव के लिए चार प्रत्याशियों ने भरे नामांकन पत्र

बरोदा उप-चुनाव के लिए चार प्रत्याशियों ने भरे नामांकन पत्र बरोदा उप-चुनाव के लिए चार प्रत्याशियों ने भरे नामांकन पत्र नामांकन जमा करवाने का अंतिम दिन 16 अक्तूबर: निर्वाचन अधिकारी आशीष कुमार  लोसुपा के राजकुमार सैनी सहित दो निर्दलीय प्रत्याशी उतरे चुनावी मैदान में बरोदा उप-चुनाव के नामांकन भरने के सातवें दिन गुरुवार को चार प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरे हैं। निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम आशीष कुमार ने नामांकन भरवाये। इस दौरान उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र जमा करवाने का अंतिम दिन 16 अक्तूबर है। निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम आशीष कुमार ने अपनी कोर्ट में नामांकन पत्र जमा किये। नामांकन प्रक्रिया 9 अक्तूबर को प्रारंभ हुई थी। आज से पहले तक बरोदा उप-चुनाव के लिए दो उम्मीदवार नामांकन भर चुके हैं। अब चार नये प्रत्याशियों के नामांकन भरने से चुनावी मैदान में उतरने वालों का आंकड़ा छह पर पहुंच गया है। निर्वाचन अधिकारी की कोर्ट में राजनीतिक दल के प्रत्याशी के रूप में पहला नामांकन लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) के उम्मीदवार के रूप में भरा गया है। लोसुपा सुप्रीमो राजकुमार सैनी स्वयं ही बरोदा उप-चु...
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किसानों का दर्द.. फसल बेचने के बाद नहीं मिली पैमेंट, 750 करोड़ अटके मंडी में हर कदम में किसान बदहाल, नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य द न्यूज इनसाइडर, करनाल करनाल। मंडियों में सरकार के दावों की पोल खुल रही है, किसान फसल बेचने के बाद भी पैमेंट का इंतजार कर रहे है। मंडियों के करीब 750 करोड़ रुपए की राशि अटक चुकी है। आढ़तियों का कहना है कि जब आई-फार्म पोर्टल पर एंट्री होगी, तभी तो पैमेंट आएगी। अगर आज भी पोर्टल पर आई-फार्म की एंट्री करे तो करीब 10 दिन का समय पैमेंट आने में लगेगा। डीएफएससी के इंसपेक्टर अलग ही राग अलाप रहे है कि आढ़तियों ने जे-फार्म अपलोड नहीं किए है। जब फार्म अपलोड होकर आएगा, तभी तो आगे की कार्रवाई होगी। लेकिन आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रजनीश चौधरी ने उनके दावों की पोल खोल दी। किसानों को करोड़ों रुपए की राशि देने के लिए अधिकारी गंभीर नजर नहीं आते। किसान पैमेंट के लिए आढ़तियों के पास चक्कर लगाने में जुटा है, आढ़ती किसानों को सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है। क्योंकि आढ़तियों को भी नहीं पता कि पैमेंट आने का तरीका क्या होगा। वहीं मंडियों में किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही। ...
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  धान खरीद में गड़बड़झाला.. डिवीजन कमिश्रर निगरानी कमेटी के डिप्टी सुपरिडैटेंट ने किया नई अनाजमंडी का दौरा, खरीद एजेंसी अधिकारी कर रहे खरीद में झोल किसानों को फसल बेचने के बाद भी नहीं मिली पैमेंट, मंडी के अटके करीब 425 करोड़ रमेश सरोए, द न्यूज इनसाइडर करनाल। किसान समर्थन मूल्य न मिलने से आशंकित होकर सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। वहीं सरकार दावा कर रही है कि किसानों को फसल का निर्धारित समर्थन मूल्य दिया जाएगा। करनाल की नई अनाजमंडी में धान खरीद में गड़बड़झाला शुरू हो चुका है। मंडी में फसल  बेचने आए किसान हताश-परेशान नजर आ रहे है। किसानों की परेशानी समझने के लिए डिवीजन कमिश्रर निगरानी कमेटी के सदस्यों ने मंडी का निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व निगरानी कमेटी के डिप्टी सुपरिडैंटेट मुकेश कुमार ने किया। उन्होंने मंडी में चल रही खरीद व्यवस्था का जायजा लिया, जिसे देखकर वे खुद हैरान रह गए। किसानों ने डिप्टी सुपरिडैंटेट के समक्ष अपना दर्द ब्यां किया। जिसे देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मंडी के अंदर खरीद व्यवस्था में बड़ा झोल चल रहा है। समर्थन मूल्य सिर्फ कागजों में दिखाई...
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नई अनाजमंडी में डीसी के आदेश हवा-हवाई, इंसपेक्टर की जगह राइस मिलर करवा रहे बोली डीसी ने गत दिवस बोली के समय राइस मिलरों के दूर रहने के आदेश किसानों के अटके 375 करोड़ रमेश सरोए .   करनाल नई अनाजमंडी में डीसी डॉ. निशांत यादव द्वारा दिए गए आदेश अगले ही दिन दम तोड़ गए। डीएफएससी के इंसपेक्टर समीर विशिष्ट ने डीसी के आदेशों को दरकिनार कर मनमर्जी से खरीद व्यवस्था शुरू की। सरकार के नियम अनुसार किसान की फसल बोली के समय सम्बधित वि•ााग का इंसपेक्टर मौजूद होना चाहिए अर्थात इंसपेक्टर या कर्मचारी अपनी देखरेख में फसल की बोली करवाएगा। जिससे किसानों को फसल का समर्थन मूल्य तो मिले ही साथ ही ज्यादा रेट •ाी मिल सके। लेकिन यहां तो इंसपेक्टर द्वारा अलग ही खेल खेला जा रहा है। सरेआम सरकार व डीसी के आदेशों की धज्जियां उड़ाता हुआ दिखाई दे रहा हैं। इंसपेक्टर बोली के समय गायब रहता है, राइस मिलर या उनके परचेजर ही खरीद कर रहे हैं। इंसपेक्टर  अरामदायक जगह पर बैठकर सिर्फ कागजी कार्रवाई पूरी करता हैं। डीएफएससी वि•ााग के इंसपेक्टर पर पिछले सीजन में •ाी अपने चेहते राइस मिलरों को तय कोटे से ज्यादा धान देने के ...

किसानों के आगे क्यों झुकी खट्टर सरकार 13104 161521

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नहीं सुधरे मंडी के हालात

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मनोहर सरकार की जिद से परेशान हुए किसान

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आमरण अनशन के ऐलान पर महम विधायक बलराज कुंडू ने क्यूं लिया यू टर्न/#Balra...

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मनोहर सरकार में क्या किसान होना गुनाह है/#ManoharLal/# CM Haryana/# Padd...

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