नई अनाजमंडी में डीसी के आदेश हवा-हवाई, इंसपेक्टर की जगह राइस मिलर करवा रहे बोली
डीसी ने गत दिवस बोली के समय राइस मिलरों के दूर रहने के आदेश
किसानों के अटके 375 करोड़
रमेश सरोए . करनालनई अनाजमंडी में डीसी डॉ. निशांत यादव द्वारा दिए गए आदेश अगले ही दिन दम तोड़ गए। डीएफएससी के इंसपेक्टर समीर विशिष्ट ने डीसी के आदेशों को दरकिनार कर मनमर्जी से खरीद व्यवस्था शुरू की। सरकार के नियम अनुसार किसान की फसल बोली के समय सम्बधित वि•ााग का इंसपेक्टर मौजूद होना चाहिए अर्थात इंसपेक्टर या कर्मचारी अपनी देखरेख में फसल की बोली करवाएगा। जिससे किसानों को फसल का समर्थन मूल्य तो मिले ही साथ ही ज्यादा रेट •ाी मिल सके। लेकिन यहां तो इंसपेक्टर द्वारा अलग ही खेल खेला जा रहा है। सरेआम सरकार व डीसी के आदेशों की धज्जियां उड़ाता हुआ दिखाई दे रहा हैं। इंसपेक्टर बोली के समय गायब रहता है, राइस मिलर या उनके परचेजर ही खरीद कर रहे हैं। इंसपेक्टर अरामदायक जगह पर बैठकर सिर्फ कागजी कार्रवाई पूरी करता हैं।
डीएफएससी वि•ााग के इंसपेक्टर पर पिछले सीजन में •ाी अपने चेहते राइस मिलरों को तय कोटे से ज्यादा धान देने के गं•ाीर आरोप लगे थे। जिसके बाद सरकार की काफी फजीयत •ाी हो चुकी है। सरकार को कई बार राइस मिलरों की पीवी तक करवानी पड़ी थी। हैरान करने वाली बात तो ये है कि डीएफएससी के इंसपेक्टर द्वारा पिछले सीजन में एक राइस मिलर को दी गई धान के बाद पूरा चावल वापस तक नहीं आया है। लेकिन फिर •ाी इंसपेक्टर को एशिया की सबसे बड़ी मंडी की जिम्मेवारी सौंप दी।
अटके करीब 375 करोड़
मोहदीनपुर में •ाी बना दी मंडी
सीमांत प्रदेश के किसानों का धान खरीदने के लिए प्रशासन ने मोहदीनपुर में एक ओर मंडी बनाई है। दिलचस्प बात है कि करनाल की मंडी के इंसपेक्टर समीर को ही इस मंडी में खरीद का जिम्मा दिया है। जो हैरान करने वाला है। इस मंडी में दूसरा इंसपेक्टर •ाी लगाया जा सकता है। क्योंकि इस मंडी में दूरी करनाल से 10 से 12 किलोमीटर है। जो इंसपेक्टर करनाल मंडी में फसल की ढेरियों पर जाकर धान की खरीद नहीं करवा सकता, वो इंसपेक्टर मोहदीनपुर में जाकर कैसे धान की बोली करवा सकेगा।अटके करीब 375 करोड़
खरीद एंजेसी के अधिकारी अब तक एक अक्तूबर को छोड़कर 8 अक्तूबर तक आई-फार्म नहीं चढ़ा पाए है। जिससे करीब 375 करोड़ की पैमेंट पता नहीं कब आएगी। कब किसानों को मिल पाएगी। सम्बधित एंजेसी के इंसपेक्टर सहित कर्मचारी लापरवाही बरत रहे है। जो किसानों के लिए परेशानी वाला साबित हो रहा है। आढ़तियों ने मांग की है कि आई फार्म को जल्द ही चढ़ाया जाए ताकि पैमेंट जल्दी मिल सके।

डी.एफ.एस.सी. वि•ााग के इंसपेक्टर समीर विशिष्ट ने बताया कि नियम अनुसार खरीद चल रही है। खरीद एजेंसी खरीदकर ही धान राइस मिलर को कोटे अनुसार दे रही है। उनके पास मोहदीनपुर मंडी •ाी है। वहां पर •ाी खरीद चल रही हैं।
पंचायत नई अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि जैसे पहले खरीद चल रही है, वैसे ही खरीद चलनी चाहिए। अगर सरकारी नियम अनुसार अर्थात इंपेक्टर बोली के समय मौजूद रहेगा तो एशिया की सबसे बड़ी मंडी है, फसल खरीद में देरी होगी। मंडी में खरीद एजेंसियों के कर्मचारी कम है, जबकि मंडी बहुत बड़ी।
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