अवैध कॉलोनी में बेखौफ चल रहा अवैध निर्माण, कार्रवाई न होने से बनने लगे बड़े-बड़े भवन

क्या अवैध कॉलोनियों में जानबूझ कर नहीं की जा रही कार्रवाई

29 जून को हुई थी अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई

द न्यूज इनसाइडर करनाल




शहर में अवैध कॉलोनियों को विकसित होने से रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाए हुए है, बावजूद अवैध कॉलोनियां धड़ाधड़ कट रही है। कथित प्रभावशाली कई कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनियों को काटकर जहां शहर का नक्शा खराब करने में जुटे है, साथ ही करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। जो बताने के लिए काफी है कि अवैध कॉलोनियों को काटने वालों को पूरा संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वे बे-खौफ हो चुके हैं। उनके सामने कानून नाम की कोई चीज नहीं। क्या ये हो सकता है कि कई बार नगर निगम-डीटीपी की संयुक्त टीमों द्वारा अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई करने के बाद भी निर्माण कार्य चलता रहे। लेकिन ये सब नैशनल हाइवे-44 स्थित महेंद्रा शोरूम के पीछे काटी जा रही अवैध कॉलोनी में आसानी से देखा जा सकता हैं।


नैशनल हाइवे-44 स्थित महेंद्र शोरूम के पीछे करीब 8 एकड़ में काटी जा रही अवैध कॉलोनी में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी जानकारी डीटीपी-नगर निगम विभागों के अधिकारियों को है। फिर भी अवैध कॉलोनी में अवैध निर्माण कार्य तेजी से चलना, वाक्या में हैरान करने वाला हैं। इसके क्या मायने हो सकते है, इसे आसानी से समझा जा सकता हैं। सवाल गंभीर है कि अवैध कॉलोनी में क्यों निर्माण कार्य चल रहा है? क्यों अवैध कॉलोनी को विकसित होने दिया जा रहा है? इसके पीछे क्या कारण हैं। करीब 4 माह में बड़े-बड़े भवन, शोरूम अवैध कॉलोनी में बन चुके है, कुछ बन रहे है। ऐसा क्यों। ऐसा करके जिम्मेवार विभागों के अधिकारी किसे फायदा पहुंचाने में लगे हैं? क्यों नहीं अवैध कॉलोनी को विकसित होने से रोका जा रहा है। क्या ऐसा करने के पीछे किसी का दवाब है?



दवाब पडऩे पर होगी औपचारिकता वाली कार्रवाई

जितना बड़ा सवाल अवैध कॉलोनी को पनपने से रोकना है, उतना ही बड़ा सवाल कार्यवाही कैसे होगी। ये भी है। देखने में आया है कि डीटीपी-नगर निगम विभागों की संयुक्त टीमों द्वारा सडक़ों व सीवरेज को ही धवस्त कर अवैध कॉलोनी को विकसित होने से रोकने का दावा कर दिया जाता है। लेकिन ये कार्रवाई सिर्फ दिखावा भर होती हैं। अगर विभागों को असल में कार्रवाई करनी होती तो जो निर्माण कार्य अवैध कॉलोनी में विकसित हो रहे है, उनका भी तुरंत तोड़ा जाए। चाहे वो निर्माण भवन बन चुके हो या भवन बनने वाले हो। अगर विभाग इस प्रकार की कठोर कार्रवाही अमल लाएगा तो शायद.. अवैध कॉलोनी विकसित होने से बच जाए और शहर का विकास का प्लान तहस-नहस न हो।

27 अगस्त की फाइल फोटो।

ये होना चाहिए

विभाग द्वारा जब भी अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की जाए, उस अवैध कॉलोनी की पूरी वीडियो ग्राफी करवाई जाए और आने वाले दिनों में जब कॉलोनी पर निगरानी तंत्र बैठा दिया जाए ताकि अगर अवैध कॉलोनी में अवैध निर्माण पाया जाता है तो पिछला वीडियो देखकर पता चल जाए कि क्या-क्या निर्माण कार्य तोडफ़ोड़ कार्रवाई के बाद हुआ है। उसे तुरंत ढहाया जाए। जिससे अवैध कॉलोनी काटने वाले कथित कॉलोनाइजरों में भय का माहौल बने और लोग भी ऐसी जगहों पर प्लाट काटने से बचे।  


29 जून को हुई थी अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई 

  नियमो की अनदेखी कर अवैध रूप से किए गए निर्माण को गिराने के लिए नगर निगम व जिला नगर योजनाकार की ओर से सोमवार को एक संयुक्त कार्रवाई की गई, जिसमें एन.एच.-44 पर स्थित महेन्द्रा शोरूम के पीछे करीब 8 एकड़ भूमि में अनाधिकृत रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी में निगम की टीम ने वहां मौजूद निर्माण को ध्वस्त कर दिया।  उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने इस बारे बताया कि निगम के डैमोलिशन दस्ते ने कार्रवाई कर वहां मकानो के लिए बनाई गई सभी डी.पी.सी., सीवरेज सिस्टम, बिजली के खम्बे, बाउंडरी वाल व सडक़ नेटवर्क को तहस-नहस कर दिया। पुलिस बल के होते अवैध निर्माण करने वालो का विरोध नहीं हो सका और सारी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से 2 घण्टे में कर दी गई। 

 


 जिला नगर योजनाकार विक्रम कुमार को बनाया था डयूटी मजिस्ट्रेट

उपायुक्त ने बताया कि इस कार्य के लिए जिला नगर योजनाकार विक्रम कुमार को ड्ïयूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया था। डीटीपी की अगुवाई में नगर निगम के भवन निरीक्षक विकास अरोड़ा व राजेश कुमार तथा काफी संख्या में महिला व पुरूष कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। दोपहर 12 बजे जाकर जेसीबी की मदद से अवैध रूप से बनाए गए डीपीसी, सीवरेज सिस्टम, बिजली के खम्बे, सडक़ों और बाउंडरी वाल को गिराने की कार्रवाई प्रारम्भ हुई, जो 2 बजे तक चली। सारी कार्रवाई हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 350 के तहत की गई। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छत्तीसगढ़ के श्रममंत्री के घर में बालको की यह कैसी रणनीति

वेदांता के एथेना थर्मल सिंधीतराई से ग्राउंड रिपोर्ट

वेदांता के खिलाफ हुए ओडिसा के आदिवासी