रायगढ़ जिले के तमनार तहसील के ग्राम पंचायत रोडोपाली का सचिव, सरपंच का फर्जी ग्रामसभा का एफिट डेफिट महाराष्ट्र पावर जनरेशन कंपनी द्वारा जमा किया गया
ग्राम पंचायत रोडोपाली में फर्जी ग्रामसभा का मामला: सरपंच और सचिव ने दर्ज कराई थाने में शिकायत
क्या है पूरा मामला?
ग्राम पंचायत रोडोपाली के दो नागरिकों – रघुवीर राठिया (पूर्व सरपंच, 2019–2024) और चन्द्रगुरु राठिया (सचिव) – ने शपथ पत्र के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने महाजेनको को किसी भी प्रकार का स्वीकृति पत्र, ग्रामसभा प्रस्ताव, या अधिकृत अनुमोदन नहीं दिया है।
इन दोनों व्यक्तियों के नाम से एक फर्जी शपथ पत्र तैयार किया गया, जिसमें दावा किया गया कि महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को ग्रामसभा से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस फर्जीवाड़े का उपयोग कंपनी द्वारा अपने प्रोजेक्ट को वैध रूप देने के लिए किया गया।
शपथ पत्र का खुलासा
दोनों व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र में निम्नलिखित बातें स्पष्ट की गई हैं:
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रघुवीर राठिया ने कहा कि वर्ष 2019 से 2024 तक वह सरपंच रहे, और उनके कार्यकाल में महाजेनको द्वारा कोई ग्रामसभा आयोजित नहीं की गई और न ही कोई सहमति दी गई।
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चन्द्रगुरु राठिया, जो वर्तमान में ग्राम पंचायत के सचिव हैं, ने भी बताया कि 2021 से अब तक ऐसी कोई ग्रामसभा नहीं हुई जिसमें महाजेनको को अनुमति दी गई हो।
थाने में दर्ज कराई गई शिकायत
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने तमनार थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में फर्जीवाड़े से संबंधित दस्तावेजों को भी संलग्न किया गया है, जो इस बात का प्रमाण हैं कि ग्रामसभा की कोई आधिकारिक प्रक्रिया नहीं हुई।
कंपनी की भूमिका संदिग्ध
इस घटना ने महाजेनको की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। यदि ग्रामसभा की अनुमति के बिना दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
न्याय की माँग
ग्रामवासियों और पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस फर्जीवाड़े की गहन जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण स्वशासन प्रणाली की गरिमा पर भी चोट करता है।
निष्कर्ष: ग्राम पंचायत रोडोपाली में सामने आया यह फर्जीवाड़ा एक चेतावनी है कि किस प्रकार कंपनियाँ और कुछ स्वार्थी तत्व स्थानीय शासन को नजरअंदाज कर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस पर कितनी तेजी और गंभीरता से कार्रवाई करता है।
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