धान घोटाला: मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने एक होटल में बैठ कर काटे खरीद के फर्जी पर्चे 
दा न्यूज इनसाइडर को अज्ञात व्यक्ति ने कोरियर से भेजे साक्ष्य, जो भारी गड़बड़ी की ओर कर रहे इशारा 
दा न्यूज इनसाइडर, करनाल 
सरकार की दो दो फिजिकल वैरिफिकेशन में भले ही करनाल में सरकारी धान खरीद में घोटाला सामने न आया हो, लेकिन अज्ञात व्यक्ति ने दा न्यूज इनसाइडर को जो साक्ष्य भेजे हैं, वह इशारा कर रहे हैं कि यह गड़बड़ी किस लेवल पर है।  करनाल के एक निजी होटल में मार्केट कमेटी के लेखाकर  पंकज तुली  ने फर्जी खरीद के पर्चे काटे है। इन फर्जी पर्चों में कुछ मिलर्स को नवाजा किया है। इस बार हरियाणा में सरकारी धान खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। कुछ मिलर्स, खाद्य आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारी, मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने इस घोटाले को अंजाम दिया। दा न्यूज इनसाइडर को कोरियर से जो साक्ष्य मिले हैं, इसके मुताबिक करनाल के ... में पंकज तुली और एक प्राइवेट व्यक्ति बैठ कर फर्जी पर्चे तैयार कर रहे थे। इसी बीच उनके कारनामे की भनक सरकारी अधिकारियों को लग गए। बताया जा रहा है कि मौके से पंकज तुली फरार हो गया। लेकिन प्राइवेट व्यक्ति ने ऑन रिकार्ड बताया कि वह पंकज तुली के लिए यहां काम कर रहा है। उसने यह भी बताया कि यहां धान खरीद के पर्चे काटे जा रहे थे।
धान खरीद में घोटाले पर अभी मार्केट कमेटी के अधिकारियों की भूमिका की जांच नहीं हो रही है 

धान खरीद घोटाले में अभी तक मार्केट कमेटी के अधिकारियों की भूमिका की जांच नहीं हो रही है। जबकि मार्केट कमेटी के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह घोटाला संभव ही नहीं है। क्योंकि धान खरीद का जे फार्म पर  कमेटी मुहर लगाती है।  इसके साथ ही कमेटी ही रिकार्ड रखती है कि धान कितनी मात्रा में मंडी में आया। किस किसान का है।  जब कमेटी अधिकारी धान की फर्जी आवाक नहीं दिखा देंगे तब तक घोटाला नहीं हो सकता। यहीं वजह रही कि पंकज तुली ने फर्जी आवाक दिखा कर धान की फर्जी रिकार्ड तैयार किया। इस रिकार्ड के आधार पर ही कागजों में धान मिलर्स को अलॉट की गयी।

घोटाले से किसानों को हुआ बड़ा नुकसान 

इस घोटाले से धान उत्पादक किसानों को ,हुआ है। क्योंकि जब कागजों में ही धान की खरीद दिखा दी गयी तो खरीद एजेंसियों ने धान की खरीद बंद कर दी। इस वजह से किसानों को धान बेचने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई किसानों को तो समर्थन मूल्य से कम दाम पर धान बेचनी पड़ी। सरकार को भी विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ा।

विधानसभा में दिया था जांच का आश्वासन 
सरकार ने बाद में विधानसभा के सत्र में मामले की जांच का आश्वासन दिया था। दो बार स्पेशल पीवी हुई, लेकिन इसके बाद भी गड़बड़ी किस स्तर पर की है और इसकी जड़ कहां तक है, इस तक नहीं पहुंचा गया है। विपक्ष बार बार सरकार पर आरोप लगा रहा है। दा न्यूज इनसाइडर के पास जो दस्तावेज है, इससे घोटाले की तह तक जाने में जांच एजेंसी को मदद मिल सकती है। इसलिए न्यूज पोर्टल ने तय किया गया है कि सारे दस्तावेज विजिलेंस और सीआईडी को दिए जाए। जिससे इस घोटाले की सही तरह से जांच हो सके।

यह है पोर्टल को मिले कागजों में 
जो कागज दा न्यूज इनसाइडर को मिले हैं, इसमें दिखाया गया गया कि एक होटल में एक निजी व्यक्ति फर्जी कागज तैयार कर रहा है। वह वीडियो में बोल रहा है कि पंकज तुली के लिए काम करता है। उसके पास ही सरकारी रजिस्टर है, जिसमें धान का फर्जी रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। यहां यह खेल कई दिनों से चल रहा था। इसके साथ ही कुछ वायस रिकार्डिंग भी मिली है, इसमें दावा किया जा रहा है कि यह पंकज तुली की आवाज है, वह कुछ कागजों को मिलर्स और आढ़तियों को देने की बात कर रहा है। दा न्यूज इनसाइडर ने तय किया कि वायस और वीडियो की एफएसएल जांच करायी जाए। जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों का पर्दाफाश हो सके।


होनी चाहिए गिरफ्तारी 
इधर यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने मांग की इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जो भी आरोपी सामने आए, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसके बाद ही प्रदेश के सबसे बड़े धान घोटाले की तह तक जाया जाए। राकेश ढुल ने कहा कि यह घोटाला न सिर्फ सरकारी फंड में हेराफेरी का है, बल्कि इसके साथ ही किसानों की मेहनत व गरीबों के निवाले पर भी प्रहार है। इसलिए इसकी जांच होनी ही चाहिए। एडवोकेट ढुल ने बताया कि यदि सरकार ने इस पर तुरंत ही एक्शन नहीं लिया तो वह विधानसभा के स्पीकर के सामने साक्ष्य रखेंगे, जिससे यह पता चल सके कि मामला कितना गंभीर है। इस पर भी यदि एक्शन नहीं होता तो वह कोर्ट में मामले को लेकर जाएंगे।








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