मनीषा डेथ मिस्ट्री, CBI जांच कराएगी सरकार:तीसरी बार AIIMS से पोस्टमॉर्टम होगा; नए सैंपल लिए जाएंगे; पुलिस ने गांव सील किया
मनीषा डेथ मिस्ट्री: इंसाफ की जंग और सत्ता पर सवाल
🔴 क्यों चर्चा में है मामला?
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लेडी टीचर मनीषा की मौत को लेकर दो बार पोस्टमॉर्टम हो चुका, दोनों में सुसाइड बताया गया।
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परिवार और ग्रामीणों का आरोप: यह हत्या है, साज़िश है।
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अब सरकार ने दबाव में आकर:
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CBI जांच सौंपने का ऐलान किया।
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AIIMS (दिल्ली) से तीसरा पोस्टमॉर्टम कराने की मंजूरी दी।
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⚖️ इंसाफ बनाम सिस्टम: ग्रामीणों की मांग
✔️ एम्स के डॉक्टर आएं और नए सैंपल लें।
✔️ CBI जांच की लिखित गारंटी मिले।
✔️ तभी अंतिम संस्कार होगा।
✍️ मनीषा के पिता संजय बोले:
“सरकार लिखित में सबूत दे दे, तभी हम धरना खत्म करेंगे। दबाव में नहीं हूँ।”
🚨 गांव में हालात
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गांव को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया।
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हर रास्ता ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर और पेड़ों से बंद कर दिया।
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महिलाएं व बुजुर्ग भी डंडा लेकर पहरे पर हैं।
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इंटरनेट बंद (भिवानी और चरखी दादरी में 21 अगस्त सुबह 11 बजे तक)।
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RAF, दंगा रोकू वाहन और 3 जिलों की पुलिस फोर्स तैनात।
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रास्ते खुलवाने के लिए JCB बुलाई गई।
🌾 किसान नेताओं की एंट्री
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गुरनाम सिंह चढूनी: “संस्कार तक धरना जारी रहेगा।”
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सुरेश कौथ: “कहीं न कहीं गड़बड़ है, सरकार को दोबारा सैंपल लेने होंगे।”
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आसपास के गांवों और कस्बों में बाज़ार बंद, विरोध तेज़।
👨👩👧\पिता संजय की तबीयत बिगड़ी
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धरने पर बैठे पिता संजय की तबीयत बिगड़ी, ग्रामीण उन्हें उठाकर अंदर ले गए।
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पूरा गांव कह रहा है:
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“यह केवल मनीषा का नहीं, सम्मान और अस्मिता की लड़ाई है।”
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“मर जाएंगे लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।”
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📢 लाइव अपडेट्स (20 अगस्त 2025)
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🕒 10:30 AM – रोहतक के कलानौर में बाजार बंद, ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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🕒 09:29 AM – किसान नेता बोले: “कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है।”
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🕒 08:41 AM – कमेटी: सरकार लिखित में दे, तभी संस्कार।
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🕒 08:01 AM – मांग: “डॉक्टर पहले सैंपल लें, फिर संस्कार।”
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🕒 07:34 AM – गांव के बाहर भारी पुलिस तैनाती।
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🕒 07:27 AM – मनीषा के पिता बोले: “सरकार ने मानी हमारी मांगें।”
❓ बड़े सवाल
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दो पोस्टमॉर्टम में सुसाइड क्यों बताया गया जबकि हालात हत्या की ओर इशारा करते हैं?
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क्या पहले की जांचों में प्रशासनिक दबाव रहा?
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क्या इस घटना ने लोगों का सिस्टम पर भरोसा तोड़ दिया?
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क्या यह संघर्ष अब राजनीतिक रंग लेगा?
ग्रामीणों की मांग बनाम सरकार का फैसला
ग्रामीणों की मांग | सरकार/प्रशासन का फैसला |
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AIIMS के डॉक्टर शव से नए सैंपल लें | नए सैंपल लेकर AIIMS भेजने पर सहमति |
जांच CBI को दी जाए | केस CBI को सौंपने का ऐलान |
लिखित गारंटी मिले | लिखित आदेश पर चर्चा जारी |
संस्कार जबरन न कराया जाए | पुलिस को पीछे हटना पड़ा, मोर्चा जारी |
📝 इंसाफ बनाम सिस्टम
मनीषा केस अब हत्या बनाम आत्महत्या की बहस से आगे निकलकर इंसाफ बनाम सिस्टम की जंग बन गया है।
गांववालों का गुस्सा और धरना दिखा रहा है कि जब प्रशासन चूकता है, तो लोग खुद मोर्चा संभाल लेते हैं।
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