खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर नवीन ने लगाएं डीएफएससी निशांत राठी-एएफएसओ जसबीर पर गंभीर आरोप 


आरोपी के खिलाफ कार्यवाही न होने पर डीएसपी से मिले पीडि़त इंसपेक्टर नवीन

द न्यूज इनसाइडर

करनाल। जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता नियंत्रक मामले विभाग के इंसपेक्टर नवीन ने एएफएसओ जसबीर सिंह व डीएफएससी निशांत राठी पर कई गंभीर आरोप लगाएं है। जो बताते है कि विभाग के अंदर गड़बड़ झाला चल रहा है। आरोप है कि इसी गड़बड़झाला की वजह से आपस में तनातनी बनी हुई थी, जो अब बाहर निकलकर सामने आई हैं।

शिकायतकर्ता इंसपेक्टर नवीन ने कहा कि अगर ऐसा न होता तो आरोपित इंसपेक्टरों द्वारा राइस मिलों को धान देने के बाद राइस मिल डिफाल्टर हो गए, बावजूद उसके आरोपित इंसपेक्टरों को सरकार की हिदायतों की अवहेलना करते हुए द्वारा फिर मंडियों लगाकर खरीद करवाई गई। आरोप है कि जसबीर पर रिकवरी होने के बाद भी प्रमोशन कर दी गई, ये सब डीएफएससी निशांत राठी की मिलीभगत के चलते ही हुआ। एएफएसओ जसबीर डीएफएससी निशांत राठी का चेहता बना हुआ हैं।

इंसपेक्टर नवीन कुमार ने डीएफएससी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एएफएसओ जसबीर द्वारा उसे पिछले करीब 2 माह से अधिक समय से परेशान किया जा रहा है, मौखिक रूप से डीएफएससी को अवगत कराया गया। अब तक कुछ नहीं हुआ। इसी मामले की शिकायत करने के लिए ही कार्यालय गया था। डीएफएससी को अवगत करवा रहा था, इतने में एएफएसओ जसबीर भी आ गया ओर उसके साथ गाली गलौच करते हुए, अपने बाहरी साथियों को बुलाकर उन पर हमला करवा दिया। 


आरोप है कि जसबीर के साथ उसे घसीटकर कार्यालय से बाहर ले गए ओर उसके साथ मारपीट की, जान से मारने की धमकी दी। अगर इंसपेक्टर राजेंद्र कुमार व कपिल जाखड़ बीच बचाव करके उसे नहीं बचाते तो मेरे साथ क्या होता, कुछ कहा नहीं जा सकता। मामले की शिकायत एसपी को गई है। शिकायत पर कार्यवाही को लेकर डीएसपी विजय देशवाल से मिलकर आरोपियों पर कार्यवाही मांग की हैं। 



शिकायतकर्ता नवीन ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएफएससी जसबीर को बचाने में लगे हैं। उनकी नजर में तो विभाग के सभी कर्मचारी बराबर होने चाहिए, लेकिन डीएफएससी जसबीर के साथ हैं, इसलिए कोई कार्यवाही नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि जसबीर सिंह के साथ इंसपेक्टर समीर विशिष्ट, इंसपेक्टर राजेश कुमार व इंद्र सिंह मिलकर लगातार परेशान किया जा रहा है। अब तो हद हो गई, मुझे मानसिक रूप से काफी परेशान किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि डिफाल्टर मिल होने के बाद भी बार-बार सम्बधित इंसपेक्टर को धान खरीद के लिए मंडियों में लगा दिया जाता है, जबकि नियम अनुसार ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन डीएफएससी द्वारा ऐसा ही किया जा रहा। ऐसा क्यों किया जा रहा?


काबिलेगौर है कि एएफएसओ जसबीर-इंसपेक्टर समीर विशिष्ट पर पहले भी विभाग के ही इंसपेक्टर के साथ मारपीट के आरोप लग चुके है, पीडि़त इंसपेक्टर ने सदर थाना में उपरोक्त दोनों के खिलाफ शिकायत भी दी थी। इसके अलावा जसबीर पर नई अनाजमंडी के आढ़तियों के कई गंभीर आरोप लगाकर प्रदर्शन तक किया था, मामला डीसी के संज्ञान में भी पहुंचा गया था। उसी दौरान इंसपेक्टर जसबीर का ट्रासफर भी अन्य जगह कर दिया गया था।

डीएफएसी निशांत राठी ने सभी आरोपों को नकारा.. नहीं दी कोई शिकायत

डीएफएससी निशांत राठी ने बताया कि जो आरोप इंसपेक्टर द्वारा लगाए गए है, वे सभी निराधार है। इंसपेक्टर के खिलाफ विभाग के पास शिकायतों की भरमार है। पहले ही एक मामले में इंसपेक्टर नवीन कुमार को चार्जशीट किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इंसपेक्टर नवीन कुमार से कहा था कि अगर उन्हें किसी प्रकार की परेशानी है तो वे उन्हें लिखकर दे। लेकिन इंसपेक्टर ने आज तक उन्हें कोई शिकायत नहीं दी। विभाग के कर्मचारियों-पब्लिक के साथ इंसपेक्टर नवीन का व्यवहार ठीक नहीं है। जिस एएफएसओ पर आरोप लगाए है, उन आरोपों पर एफएसओ अपना पक्ष रखेंगे।

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