नकली मावे का गोरखधंधा: त्योहारों की मिठास में जहर

 नकली मावे का गोरखधंधा: त्योहारों की मिठास में जहर


रियाणा के हिसार में रविवार सुबह जो दृश्य सामने आया, उसने त्योहारों की मिठास में मिलावट के इस काले कारोबार की असली तस्वीर दिखा दी। सीएम फ्लाइंग टीम ने ढाणी श्याम लाल गली नंबर 3 स्थित एक मकान में चल रहे नकली मावे के गोदाम पर छापा मारा और 7 क्विंटल नकली मावा बरामद किया। यह मावा गंदगी, बदबू और गंदे पानी के बीच रखा हुआ मिला।

त्योहारों पर मिठाई की मांग बढ़ने के साथ-साथ नकली मावे का कारोबार भी अपने चरम पर पहुंच जाता है। यही वजह है कि तीज और रक्षाबंधन पर इस गोदाम से लगभग 35 क्विंटल मावा शहर की नामी दुकानों, जिनमें बीकानेर स्वीट्स का नाम भी शामिल है, पर सप्लाई हुआ।




150 रुपए किलो में खरीद, 500 में बिक्री

छापे में गिरफ्तार आरोपी महावीर, जो राजस्थान के चुरू का रहने वाला है, ने कबूला कि मावा बीकानेर से लाया जाता था और हिसार, बरवाला, उकलाना समेत कई जगहों पर बेचा जाता था। दो तरह की क्वालिटी बनाई जाती — सुपर क्वालिटी (250 रुपए किलो) और लो क्वालिटी (150 रुपए किलो)। दुकानदार इसे शुद्ध बताकर 500 रुपए किलो तक बेचते थे।



गंदगी और बदबू का अड्डा


टीम ने मौके पर देखा कि डी-फ्रिज में मावा गंदे पानी के बीच रखा है, और उसमें से तेज बदबू आ रही है। फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी डॉ. पवन चहल के अनुसार, पहली नजर में यह वेजीटेबल ऑयल से तैयार किया गया नकली मावा लगता है। सैंपल जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं।



त्योहारों पर मिठास की कीमत

एक ग्राहक आधाराम ने बताया कि वह 160 रुपए किलो के हिसाब से यहां से मावा लेता था, क्योंकि यह सस्ता और स्वाद में ठीक लगता था। लेकिन यही सस्ता सौदा असल में सेहत के साथ सबसे बड़ा धोखा है।

त्योहार हमारे जीवन में खुशियां और अपनापन लाते हैं, लेकिन ऐसे मिलावटी कारोबार मिठास को जहर में बदल सकते हैं। नकली मावा सिर्फ स्वाद नहीं बिगाड़ता, बल्कि लीवर, किडनी और पाचन तंत्र पर गंभीर असर डाल सकता है।



हमारी जिम्मेदारी

इस घटना ने साफ कर दिया है कि हमें मिठाई खरीदते समय सिर्फ ब्रांड या स्वाद पर नहीं, बल्कि उसकी असलियत पर भी ध्यान देना होगा। बिना लाइसेंस, बिना जांच और गंदगी में बने खाद्य पदार्थ हमारी सेहत के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

त्योहारों की असली मिठास तभी बरकरार रह सकती है, जब हम जागरूक होकर मिलावटखोरों के खिलाफ खड़े हों।

याद रखिए: सस्ता मावा या मिठाई आपके पैसे बचा सकती है, लेकिन सेहत छीन सकती है।




त्योहार पर मिलावटी मावे से बचने की गाइड 🛡️

त्योहारों पर बाजार रंगीन और मिठाइयों से सजा होता है, लेकिन इसी भीड़ में मिलावटखोर भी अपने जाल बिछा देते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर तक सिर्फ शुद्ध मिठास पहुंचे, तो इन टिप्स पर ध्यान दें—



1. रंग और बनावट पर नजर रखें

  • शुद्ध मावे का रंग हल्का क्रीम जैसा होता है, न ज्यादा सफेद न पीला।
  • अगर मावा बहुत ज्यादा चमकीला सफेद या पीला है, तो उसमें मिलावट की संभावना है।
  • असली मावा छूने पर मुलायम होता है, जबकि नकली मावा थोड़ा दानेदार और चिकना महसूस होता है।

2. गंध पहचानें

  • शुद्ध मावे से हल्की दूधिया खुशबू आती है।
  • अगर गंध में हल्की सी भी बासीपन, तेलीयापन या बदबू है, तो सतर्क हो जाएं।

3. पानी टेस्ट करें

  • थोड़ा मावा पानी में डालकर देखें। शुद्ध मावा आसानी से नहीं घुलता, जबकि नकली मावा (वेजीटेबल ऑयल वाला) जल्दी टूटकर फैलने लगता है।

4. पैकिंग और बिल मांगें

  • हमेशा पैक्ड मावा लें, जिस पर निर्माण तिथि, एक्सपायरी और निर्माता का नाम हो।
  • बिल जरूर लें, ताकि मिलावट मिलने पर शिकायत दर्ज की जा सके।

5. सस्ते दाम के लालच में न पड़ें

  • अगर मावा बाजार रेट से बहुत कम दाम में मिल रहा है, तो यह 90% संभावना है कि नकली या मिलावटी होगा।

6. भरोसेमंद दुकानों से खरीदें

  • वही दुकान चुनें जहां पर पहले से अच्छी क्वालिटी का अनुभव हो।
  • त्योहारों के समय नई दुकान से भारी मात्रा में खरीदारी से बचें।

💡 अंत में — त्योहार पर स्वाद से ज्यादा सेहत मायने रखती है। एक छोटी सी सावधानी आपको बड़े खतरे से बचा सकती है।



😨 क्यों खतरनाक है नकली मावा?

  • लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को नुकसान
  • फूड पॉयजनिंग और एलर्जी का खतरा
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए खासतौर पर खतरनाक

🛡️ त्योहार पर शुद्ध मावे की पहचान — ग्राहक चेकलिस्ट

  1. रंग-बनावट — हल्का क्रीम रंग, मुलायम टेक्सचर
  2. गंध — दूधिया खुशबू, बदबू या बासीपन नहीं
  3. पानी टेस्ट — असली मावा पानी में जल्दी नहीं घुलता
  4. पैकिंग-बिल — निर्माता नाम, तिथि और बिल ज़रूरी
  5. दाम — बहुत सस्ता = खतरे की घंटी
  6. दुकान का भरोसा — पुराने, अच्छे अनुभव वाले विक्रेता से ही खरीदें

📢 आपकी एक सावधानी, पूरे परिवार की सेहत की गारंटी

सस्ता मावा आपके पैसे बचा सकता है, लेकिन सेहत छीन सकता है।
त्योहार पर मिठास का मतलब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि सुरक्षित और शुद्ध भोजन है।

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