ओडिसा वेदांता के खिलाफ भक्त चरणदास की हुंकार
कांग्रेस के पूर्व एमपी भक्त दास ने आदिवासियों के हकों पर मांगा सरकार और वेदांता से जवाब
मनोज ठाकुर, कालाहांडी
आदिवासियों के हक में ओडिसा में अब कांग्रेस के पूर्व एमपी भक्त चरणदास खडे़ हो रहे हैं। पुलिस दमन, उत्पीड़न और वेदांता की मनमानी से त्रस्त डोंगरियां जानरिया आदिवासियों के हक में कांग्रेस नेता ने जोरदार आवाज उठाई। शनिवार को
लॉंजीगढ़ में कालाहांडी और रायगड़ा के आदिवासियों व स्थानीय लोगों की एक रैली भक्त चरण दास,के नेतृत्व में आयोजित की गई। रैली में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मांग की कि कलाहंडी और रायगड़ा जिलों के डोंगरिया और जारनिया जनजातियों सहित आदिवासियों के लिए एक विशेष आदिवासी विकास परियोजना शुरू की जानी चाहिए।
उन्होंने रेड मड के प्रदूषित पानी से हुए नुकसान पर सरकार और वेदांत से प्रभाव का आकलन करने की मांग करते हुए कहा कि इससे यहां के समुदाय और पर्यावरण को जो भी नुकसान हुआ,इसका पर्याप्त मुआवजा दिया जाए ।
उन्होंने 9 फरवरी, 2025 को लॉंजीगढ़ में आरोप लगाया कि यहां आदिवासियों की लगातार उपेक्षा हो रही है। वेदांता कंपनी यहां के आदिवासियों का उत्पीड़न कर रही है। उनकी समस्याओं की ओर न तो सरकार व न ही वेदांता कंपनी ध्यान दे रही है।
ध्यान रहे लॉंजीगढ़ में वेदांता का एल्मूनियत रिफाइनरी का बड़ा कारखाना है।
उन्होंने कहा कि, लॉंजीगढ़ में वेदांत की 17 साल से अपना कारखाना चला रही है, इसके बावजूद अभी तक प्रभावित आदिवासियों व स्थानयी लोगों का पुनर्वास का उचित प्रबंध नहीं किया गया।
यहां लगातार प्रदूषण हो रहा है, इस वजह से यहां के पहाड़ व जंगलों पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। पहाड़ व आदिवासियों के सामाजिक व आर्थिक जीवन स्तर लगातार गिर रहा है। इस सब के बावजूद सरकार और वेदांता इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने रैली में मांग की कि आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक तरक्की के लिए , सरकारी योजना शुरू की जाए। नियामगिरी क्षेत्र में डोंगरिया और जारनिया आदिवासियों को अनुदान दिया जाए। सरकार प्रति परिवार 15 किलोग्राम चावल का मासिक राशन उपलब्ध कराए। आदिवासी बच्चों के लिए विशेष स्कूलों की स्थापना करनी चाहिए। स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रत्येक 500 निवासियों पर एक स्वास्थ्य केंद्र और सभी ब्लॉक निवासियों के लिए वेदांत अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा उपचार की सुविधा दी जानी चाहिए।
उन्होंने वेदांत द्वारा तुरंत प्रदान किए जाने वाले गांवों के लिए पाइप्ड वाटर डोरस्टेप कनेक्शन और सामुदायिक केंद्र की भी मांग की।
उन्होंने औद्योगिक विस्तार से प्रभावित गांवों की भी मांग की जैसे कि बसंतपड़ा, बुंदेल, सिंधिहाली और कपागुडा को औपचारिक रूप से विस्थापित और तदनुसार पुनर्वास के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। लाल मिट्टी के प्रदूषण से पीड़ित किसानों को प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रभावित भूमि को खेती के लिए संवारना चाहिए।
एक राज्य जांच टीम का गठन हो, जो वेदांत से क्षेत्र में हो रहे पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव का आकलन करें। इसके अतिरिक्त, वेदांत के सीएसआर फंड को हर गाँव में सामुदायिक हॉल निर्माण करे।
वेदांता कंपनी को वंचित मेधावी छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। सभी विस्थापित परिवारों के लिए उचित रोजगार या एक बार के मुआवजे की मांग भी की गई ।
उन्होंने कहा कि, ओडिशा के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह इन मांगों की ओर ध्यान दें। आगामी विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले विशेष आदिवासी विकास परियोजना की घोषणा की जानी चाहिए।
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