वेदांता को झटका


ओडिसा: पुरी में वेदाता यूनिवर्सिटी के लिए अधिग्रहण जमीन अब किसानों को होगी वापस 

भुवनेश्वर 

डिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि पुरी में वेदांता यूनिवर्सिटीके लिए अधिग्रहित भूमि को वापस करने की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी। 


ओडिशा सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि पुरी जिले में वेदांता लिमिटेड के प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित की गई करीब 3,500 एकड़ निजी भूमि उनके संबंधित मालिकों को वापस कर दी जाएगी।  राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने ओडिशा हाई कोर्ट के 2010 के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय के लिए भूमि का अधिग्रहण अवैध है। 


क्योंकि विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखने वाली अनिल अग्रवाल फाउंडेशन कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार एक निजी कंपनी है, न कि सार्वजनिक कंपनी। ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि अधिग्रहित भूमि को वापस करने की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी। 


उन्होंने कहा कि वेदांता ने संस्थान का नाम तीन बार बदला है।  शुरू में इसका नाम स्टरलाइट फाउंडेशन था, लेकिन बाद में इसे बदलकर वेदांत फाउंडेशन और फिर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन कर दिया गया।


पुजारी ने कहा कि अनिल अग्रवाल फाउंडेशन को पट्टे पर दी गई 509 एकड़ सरकारी जमीन भी वापस ली जाएगी। निजी स्वामित्व वाली जमीन के मामले में, जिन मालिकों को मुआवजा दिया गया है, वे मुआवजा वापस करेंगे। इसके बाद, जमीन ऐसे मालिकों को वापस कर दी जाएगी। राजस्व विभाग तदनुसार रिकॉर्ड में सुधार करेगा।


मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार ने 13 दिसंबर, 2006 और 21 अगस्त, 2007 के बीच विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की थी।

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