मंडियों में खरीद व्यवस्था ठप, डिपो होल्डर के सहारे गेहूं खरीदने का प्लान

आढ़तियों ने मांगे न माने जाने चलते तोल रखा बंद

द न्यूज इनसाइडर करनाल।



करनाल। वीरवार को मंडियों में आढ़तियों द्वारा तोल बंद रखे जाने को लेकर खरीद-उठान व्यवस्था ठप हो गई। किसान बुधवार से फसल बेचने के लिए मंडियों में बैठे है, बावजूद फसल खरीदने वाला कोई नहीं। जिसके चलते किसान परेशानी झेलने को मजबूर है।


प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरा दम लगाकर खरीद शुरू करवाने का प्रयास किया, लेकिन प्रयास जल्द ही दम तोड़ गया। आनन-फानन में डिपो होल्डर को अस्थाई लाइसेंस दिए गए, उन्हें प्रशिक्षण दिया, सब बेकार। क्योंकि जो व्यवस्था आढ़तियों द्वारा मंडियों में बनाई गई है, उसे प्रशासनिक अधिकारी एक-दो दिन में बनाने के सपने देख रहे है, जो धरातल पर कही पर खरे नहीं उतरते।


प्रशासनिक अधिकारी डिपो होल्डर को मंडियों में खड़े भी कर देते है, तो मजदूर सहित अन्य संसाधन कहां से लेकर आएगे। डिपो होल्डर हजारों क्विंटल गेहूं की खरीद कैसे करवा सकेगा, जो कागजों में तो हो सकता है, हकीकत में नहीं।


उठान की जो व्यवस्था प्रशासन द्वारा बनाई गई है, उसको लेकर भी आढ़तियों में रोष बना हुआ है। उनका कहना है, जिस व्यवस्था से उठान करवाया जा रहा है, वो किसी हालात में ठीक नहीं। जे-फार्म के आधार पर उठान होगा, जो संभव नहीं। एक-एक गाड़ी में कई कई आढ़तियों का गेहूं जाएगा, किसी का काम तो किसी का ज्यादा। एक गाड़ी मंडी में कभी यहां तो कभी उस दुकान पर घुमती रहेंगी। दूसरा जब सीजन पीक पर आएगा तो मंडी में जाम की स्थिति पैदा हो जाएगी। 


किसानों ने कहा कि वे सब कामधाम छोडक़र बुधवार सुबह से ही मंडी में फसल बेचने के लिए बैठे है, कोई नहीं आया। न ही उन्हें कोई बता रहा है कि क्या हो रहा है, क्यों नहीं उनकी फसल खरीदी जा रही है। सब कुछ किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा हैं।



ट्रांसपोर्ट के ठेकेदार अशोक खुराना ने कहा कि उठान की जो व्यवस्था बनाई है, वो सही नजर नहीं आ रही। एक-एक गाड़ी को पूरी मंडी में घुमने पड़ेगा। दूसरा जो गाडिय़ों के नंबर ऐड हो चुके है, उनमें से कई गाडियां सिस्टम के चलते नहीं आ रही। उनकी जगह दूसरी गाडिय़ों के नंबर जुड़ नहीं रहे, पुरानी वाली के डिलीट नहीं हो रहे। उनकी तो बहुत सी गाडिय़ां बिना काम के खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि गाडिय़ों की तो पूरी व्यवस्था है, लेकिन उठान सिस्टम परेशान कर रहा है।

वहीं खरीद व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा करनाल की मंडी में पहुंचे, जहां पर आढ़तियों-किसानों ने उनके समक्ष अपनी परेशानियां बताई। उन्होंने कहा कि उनकी फसल बेचने में परेशानी हो रही है, आढ़तियों ने कहा कि सरकार किसानों-आढ़तियों के बीच का भाईचारा खराब करना चाहती है। उठान को लेकर जो सिस्टम बनाया हुआ है, वो सब गलत है। उन्होंने कहा कि आप किसानों ओर आढ़तियों की बात को प्रमुखता के साथ उठाएं। 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुडडा ने कहा कि किसानों, आढ़तियों, मजदूरों से बात की गई है, मेरी फसल मेरा ब्यूरा के सिसटम में 16 लाख किसानों में से सिर्फ 8 लाख की रजिस्ट्रेशन हुई है, दो दिन में क्या 8 लाख किसानों का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा क्या। ये सिस्टम खराब है, इससे किसान भी परेशान है।

अगर किसान की फसल पकती है तो उसे मैसेज का इंतजार करना पड़ता। इससे फसल पर जो खर्च होगा, उसे कौन वहन करेगा। जो पहले सिस्टम था, आढ़ती कोई बिचौलिए नहीं है, ये तो सुविधा वाला है, फसल पकते ही किसान अपनी फसल आढ़ती के पास रख देता था। मजदूर प्रतिदिन दिहाड़ी लेता है, आढ़तियों से पहले भी मजदूरी ले लेते थे। सरकार के जो नियम बनाए है, वे सब गलत है।

 सरकार किसानों-आढ़तियों से बातचीत करे, फसल की पैमेंट किसानों के ऊपर छोडऩी चाहिए, किसान के साथ जबदस्ती नहीं करनी चाहिए, किसानों ओर आढ़तियों का चौली दामन का साथ है। नमी को 14 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया। सरकार के वायदे खोखले निकल रहे।

किसान को आज तक पैमेंट तक नहीं मिला, सारे वायदे फेल हो चुके है। सरकार को सभी समस्याओं को सही प्रकार से बातचीत करके समाधान निकालना चाहिए। 


इससे पहले खाद्य आपूर्ति विभाग के डीएफएससी निशांत राठी विभाग के खरीद इंसपेक्टरों ओर डिपो होल्डर के साथ गेहूं की फसल खरीदने व अन्य व्यवस्थाएं देखने के लिए मंडी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि खरीद को लेकर किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी साथ ही कहा कि मंडी में बारदाने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। 


गेहूं खरीद के बारे उपायुक्त ने बताया कि गुरूवार को जिला की करनाल, नीलोखेड़ी व तरावड़ी में आढ़तियों के चलते तुलाई बंद हो गई थी लेकिन गेट पास सभी जगह काटे गए हैं। मंडियों में तुलाई सुचारू रूप से चलते रहे इसका विकल्प डिपो होल्डरों को प्रशिक्षण दे दिया है और 180 अस्थाई लाईसेंस जारी कर दिए हैं ताकि किसी मंडी में गेहूं की तुलाई और बिक्री की प्रक्रिया बाधित न हो। उन्होंने बताया कि अब तक जिला की विभिन्न मंडियों में करीब 50 हजार 508 मीट्रिक टन गेंहू की आवक हो चुकी है।



वीसी के बाद उपायुक्त ने कांफ्रैंस हाल में मंडी सचिवों व खरीद प्रबंधों पर निगरानी के लिए लगाए गए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के साथ मीटिंग की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मंडियों में गेहंू की बिक्री के बाद उसका उठान उसी दिन सुनिश्चित किया जाए। ड्यूटी मैजिस्ट्रेट व मंडी सचिवों से उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कितनी मंडियां चैक की, कितना गेहूं आया और कितना उठान हुआ यह सब टिप्स पर होना चाहिए। डेली रिपोर्ट के लिए एक फोर्मेट भी तैयार किया गया है, अब उसी में रिपोर्ट भरकर देनी होगी, वैसे उनकी ड्यूटी स्लिप में भी सबकुछ बताया गया है। 


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