हाई प्रोफाइल गैंगरैप मामला:-

भाई बहन के रिश्ते पर खरा नहीं उतरा विधायक धर्मपाल गोंदर का बेटा

शिव कुमार की मामले में क्यों लग रही भूमिका संदिज्ध

द न्यूज इनसाइडर करनाल

हाई-प्रोफाइल गैंगरैप मामले में गैंगरैप पीडि़ता ने नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर के बेटे ईटीओ शिव कुमार पर हनीट्रैप मामले में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए है। हाई-प्रोफाइल मामले में विधायक के अधिकारी बेटे शिव कुमार का नाम आना वाक्या में ही चौकाने वाला है। जो मामले को पेचिदा बना देता है। सवाल अपने आप में ही गंभीर है।  शिव कुमार की बहन के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी न हो और पुलिस पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दवाब न बनाना शिव कुमार की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगा देती है। पीडि़त बहन को न्याय दिलाने के लिए विधायक के बेटे ने क्या भूमिका निभाई। कई प्रश्न जनता के जहन में घूम रहे है, जिनके जवाब उन्हें अब तक नहीं मिले। विधायक का अधिकारी बेटा मामले में क्यों आया? समझौते वाली पंचायत में किस हैसियत से शामिल हुआ। क्या किसी ने विधायक के बेटे को मामले को सुलझाने के लिए भेजा था? किस हैसियत से पंचायत की गई? जब समझौता हो गया तो हनी ट्रैप कैसे हो गई? पुलिस ने शायद इस एंगल को जांच में शामिल क्यों नहीं किया? क्या गैंगरेप मामले में पीछे से कोई फोर्स काम रही है? सवाल अपने आप में इतने बड़े है कि शक की सूई शिव कुमार के इर्द गिर्द घूम नजर आ रही है। क्या पीडि़ता के साथ समझौता वाली पंचायत करना क्या सही था। 

पीडि़ता को न्याय दिलाने की क्यों नहीं हुई बातचीत

जब ऐसी पंचायत हो भी रही थी तो जनप्रतिनिधि का बेटे होने के नाते आरोपियों के खिलाफ बातचीत होनी चाहिए थी, पीडि़ता को न्याय दिलाने के बारे में बातचीत होनी चाहिए थी। लेकिन शिव कुमार की ऐसी कोई मंशा दिखाई नहीं दे रही। गैंगरेप पीडि़ता ने एक ऑडियो जारी किया है। जिसमें शिव कुमार-गैंगरैप पीडि़ता के साथ बातचीत है। ऑडियों सुनकर कही भी ऐसा दिखाई नहीं दे रहा कि शिव कुमार बहन को न्याय दिलाने की बात कर रहा हो। बल्कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत न होने की बात भी कर रहे है। जबकि पीडि़ता शिव कुमार को भाई शब्द कह रही हैं।


एक ओर ऑडियो हुआ वायरल

गैंगरेप हाई प्रोफाइल मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे है, शनिवार को पीडि़ता ने ओर ऑडियो जारी कर शिव गोंदर पर गंभीर आरोप लगाए हे। जिसमें विधायक के बेटे आरोपियों के रसूख के बारे में पीडि़ता को बता रहे है। इसी रसूख के चलते आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही। ऑडियों में शिव गोंदर पुलिस को भी पैसे देने की बात कर रहे हैं। जो बताने के लिए काफी है कि शिव गोंदर मामले में गहरी रूचि ले रहे है। जिन्हें केस से जुड़ी हर बात की जानकारी हैं। जिसकी पुष्टि पीडि़ता द्वारा जारी की गई दूसरी ऑडियों से बखूबी हो रही है। मामले में सीएम का भी जिक्र आया है। ऑडियों में कितनी सच्चाई है, इसका पता तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन हाई प्रोफाइल गैंगरेप मामला अब और भी पेचिदा हो चला है। अब देखना होगा कि आरोपी पक्ष इस मामले में कौन सी ऑडियों जारी करता है। वहीं विधायक के बेटे शिव गोंदर मीडिया को गाली देते हुए भी सूने जा सकते है। मीडिया को मैनेज करने की बात कर रहे हैं।


सवाल फिर भी एक, आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई

हर कोई जानना चाह रहा है कि गैंगरेप के आरोप लगने के बाद आरोपी अजय भाटिया, तहसीलदार राजबख्श को पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया। उन्हें इतनी रियायत क्यों? जबकि पुलिस इस प्रकार के मामलों में आरोपियों को तुरंत ही गिरफ्तार कर जेल का रास्ता दिखा देती है। 


ये  था मामला

प्रताप पब्लिक स्कूल में कार्यरत एक महिला टीचर स्कूल संचालक अजय भाटिया व तहसीलदार राजबख्श के खिलाफ पुलिस को शिकायत देती है। शिकायत में आरोप लगाया जाता है कि अजय भाटिया व राजबख्श ने उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत के आधार पर अजय भाटिया, राजबख्श के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लेती है। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी जाती है। लेकिन पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास नहीं करती। केस दर्ज होने के एक लम्बे अंतराल के बाद पुलिस गैंगरेप पीडि़ता व उसके पति को सवा सात लाख रुपए समझौते की एवज में लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लेती है। महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है। ये सारी कार्रवाई कई सवाल खड़ा करती हैं। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छत्तीसगढ़ के श्रममंत्री के घर में बालको की यह कैसी रणनीति

वेदांता के एथेना थर्मल सिंधीतराई से ग्राउंड रिपोर्ट

वेदांता के खिलाफ हुए ओडिसा के आदिवासी