आढ़तियों के दरवाजे पर आरोपी इंसपेक्टर.. जांच प्रभावित करने के प्रयास
द न्यूज इनसाइडर करनाल
खाद्य आपूर्ति विभाग का दंबग इंसपेक्टर जांच को अपने पक्ष में करने के लिए आढ़तियों के दरवाजे तक पहुंच चुका है, आरोपी इंसपेक्टर आढ़तियों को अपने पक्ष में ब्यान देने के लिए दवाब बनाने लगा है। एक आढ़ती ने तो स्पष्ट तौर पर बताया कि उन पर सामाजिक तौर पर दवाब बनाने का खेल खेला जा रहा है, लेकिन वे इससे घबराने वाले नहीं है। वे अपने आढ़ती भाइयों के साथ खड़े है। आरोपी इंसपेक्टर ने आढ़तियों को लूटा है। इसलिए मंडी आरोपी इंसपेक्टर को सहन करने को तैयार नहीं।
हालांकि इस बारे में आढ़तियों ने पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवा दिया था कि जब तक इंसपेक्टर करनाल में कार्यरत रहेगा, तब तक जांच निष्पक्ष तरीके हो ही नहीं सकती। यहां पर नियमों की अनदेखी की गई। होना चाहिए था कि जब तक जांच पूरी न हो जाती, तब तक इंसपेक्टर का तबादला अन्य जगह पर कर दिया जाता। लेकिन ऐसा न करके आरोपी इंसपेक्टर पर कुछ राहत देने का प्रयास किया गया।
जो आढ़ती सीधे तौर पर जांच में शामिल नहीं होना चाहते थे, वे सीधे तौर पर जोनल अधिकारी के समक्ष पहुंचकर आरोपी इंसपेक्टर के पैसे वसूलने के आरोपों के बारे में पुरी जानकारी दी। मंडी की दोनों एसोसिएशनों के प्रधानों ने पंचायतों के लेटर पैड पर लिखित में आरोपी इंसपेक्टर पर गंभीर आरोप लगाएं। यहां तक की आढ़तियों ने कह दिया कि जब भी ब्यान लेने हो, आढ़तियों से ले सकते है, आढ़ती लिखित में ब्यान देने को तैयार है।
आखिरकार आरोपी इंसपेक्टर पर इतनी मेहरबानी क्यों?
आरोपी इंसपेक्टर राजनीतिक रूप से भी काफी प्रभावशाली बताया जा रहा है, जिसके चलते नई अनाजमंडी के आढ़तियों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भी आरोपी इंसपेक्टर पर मेहरबानी बरसाई जा रही हैं। अब तक तो देखने में ऐसा ही लग रहा है। वहीं कई आढ़तियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अगर इंसपेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे हड़ताल पर जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
डीसी डॉ. निशांत यादव ने बताया कि मंडी के आढ़तियों द्वारा खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर पर लगाए गए आरोपों की जांच जोनल अधिकारी द्वारा की जा रही है। अभी उनके पास जांच रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ बताया जा सकता है। लेकिन इतना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच का दायरा आगे बढ़ाया जा रहा हैं।
ये था मामला
मंडी के आढ़तियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर जसबीर पर प्रति कट्टा उठान के लिए पैसे देने का दवाब बनाया। दवाब बनाकर उठान के लिए प्रति 3 से 10 रुपए वसूले है। जिस आढ़ती ने पैसे नहीं दिए, उनके द्वारा परचेज की गई गेहूं जून माह के अंतिम दिनों में उठी। जबकि 28 अप्रैल की खरीदी गई गेहूं का उठान दो माह में होना वाक्या ही इंसपेक्टर की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी हैं। गंभीर आरोप लगने के बाद डीसी न जांच मंडी में कार्यरत जोनल अधिकारी सुशील मलिक को सौंप दी थी। अब मामले की जांच चल रही है। जांच में क्या निकलेगा, ये तो जांच पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा।
द न्यूज इनसाइडर करनाल
खाद्य आपूर्ति विभाग का दंबग इंसपेक्टर जांच को अपने पक्ष में करने के लिए आढ़तियों के दरवाजे तक पहुंच चुका है, आरोपी इंसपेक्टर आढ़तियों को अपने पक्ष में ब्यान देने के लिए दवाब बनाने लगा है। एक आढ़ती ने तो स्पष्ट तौर पर बताया कि उन पर सामाजिक तौर पर दवाब बनाने का खेल खेला जा रहा है, लेकिन वे इससे घबराने वाले नहीं है। वे अपने आढ़ती भाइयों के साथ खड़े है। आरोपी इंसपेक्टर ने आढ़तियों को लूटा है। इसलिए मंडी आरोपी इंसपेक्टर को सहन करने को तैयार नहीं।
हालांकि इस बारे में आढ़तियों ने पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवा दिया था कि जब तक इंसपेक्टर करनाल में कार्यरत रहेगा, तब तक जांच निष्पक्ष तरीके हो ही नहीं सकती। यहां पर नियमों की अनदेखी की गई। होना चाहिए था कि जब तक जांच पूरी न हो जाती, तब तक इंसपेक्टर का तबादला अन्य जगह पर कर दिया जाता। लेकिन ऐसा न करके आरोपी इंसपेक्टर पर कुछ राहत देने का प्रयास किया गया।
जो आढ़ती सीधे तौर पर जांच में शामिल नहीं होना चाहते थे, वे सीधे तौर पर जोनल अधिकारी के समक्ष पहुंचकर आरोपी इंसपेक्टर के पैसे वसूलने के आरोपों के बारे में पुरी जानकारी दी। मंडी की दोनों एसोसिएशनों के प्रधानों ने पंचायतों के लेटर पैड पर लिखित में आरोपी इंसपेक्टर पर गंभीर आरोप लगाएं। यहां तक की आढ़तियों ने कह दिया कि जब भी ब्यान लेने हो, आढ़तियों से ले सकते है, आढ़ती लिखित में ब्यान देने को तैयार है।
आखिरकार आरोपी इंसपेक्टर पर इतनी मेहरबानी क्यों?
आरोपी इंसपेक्टर राजनीतिक रूप से भी काफी प्रभावशाली बताया जा रहा है, जिसके चलते नई अनाजमंडी के आढ़तियों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भी आरोपी इंसपेक्टर पर मेहरबानी बरसाई जा रही हैं। अब तक तो देखने में ऐसा ही लग रहा है। वहीं कई आढ़तियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अगर इंसपेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे हड़ताल पर जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
डीसी डॉ. निशांत यादव ने बताया कि मंडी के आढ़तियों द्वारा खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर पर लगाए गए आरोपों की जांच जोनल अधिकारी द्वारा की जा रही है। अभी उनके पास जांच रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ बताया जा सकता है। लेकिन इतना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच का दायरा आगे बढ़ाया जा रहा हैं।
ये था मामला
मंडी के आढ़तियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर जसबीर पर प्रति कट्टा उठान के लिए पैसे देने का दवाब बनाया। दवाब बनाकर उठान के लिए प्रति 3 से 10 रुपए वसूले है। जिस आढ़ती ने पैसे नहीं दिए, उनके द्वारा परचेज की गई गेहूं जून माह के अंतिम दिनों में उठी। जबकि 28 अप्रैल की खरीदी गई गेहूं का उठान दो माह में होना वाक्या ही इंसपेक्टर की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी हैं। गंभीर आरोप लगने के बाद डीसी न जांच मंडी में कार्यरत जोनल अधिकारी सुशील मलिक को सौंप दी थी। अब मामले की जांच चल रही है। जांच में क्या निकलेगा, ये तो जांच पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा।
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