प्रति बैग तीन रुपए वसूली मामला: इंस्पेक्टर की चाल, आढ़तियों पर दबाव बना हक में लेने की कोशिश
डरे आढ़तियों की मांग सबसे पहले आरोपित इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर होना चाहिए तबादला, यदि ऐसा नहीं हुआ तो मंडी में आढ़तियों का काम करना हो जाएगा मुश्किल
द न्यूज इनसाइडर करनाल

प्रति बैग तीन तीन रुपए वसूली करने वाला इंस्पेक्टर डीसी की जांच के बाद भी मामले को दबाने की कोशिश में है। इसी कोशिश के तहत उसने आढ़तियों पर दबाव बना कर अपने पक्ष में लेने की कोशिश की है। इससे आढ़ती डरे हुए हैं। उनकी मांग है कि आरोपित इंस्पेक्टर सस्पेंड होना होना चाहिए। यहां से उसका तबादला हो, तभी इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सकती है। क्योंकि यदि अब कार्यवाही नहीं हुई तो यह इंस्पेक्टर आढ़तियों का काम करना मुश्किल कर देगा। इंस्पेक्टर के खौफ से डरे आढ़ती अब सीएम के नाम ज्ञापन भी देने जा रहे हैं।

आढ़तियों ने बताया कि वह तो बस इतना चाह रहे हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके लिए इंस्पेक्टर को यहां से बदल देना चाहिए। क्योंकि इंस्पेक्टर ने गेहूं की खरीद में प्रति बैग तीन तीन रुपए उन्हें डरा और धमका कर लिए हैं। कोरोना काल में उनके पास आढ़ती की बात को मानने के सिवाय कोई चारा ही नहीं था।


इस मामले की जांच डीसी डॉ. निशांत यादव ने मामले की जांच के आदेश मार्केटिंग बोर्ड के जोनल अधिकारी सुशील मलिक को सौंपकर जांच रिपोर्ट 7 दिन में देने के निर्देश दिए गए है। 25 जून को जोनल अधिकारी ने मामले से सम्बधित पक्षों को बयानों के लिए बुलाया है।

इन सबके बावजूद आढ़तियों में डर बना हुआ है कि अवैध वसूली के बाद भी अगर इंसपेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो अगले सीजन में आढ़तियों से सीधे तौर पर बदला लिया जाएगा। आढ़तियों का मंडी में काम करना मुश्किल हो जाएगा।


आढ़तियों की यह भी मांग है कि इस मामले में डीएफएससी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि इंस्पेक्टर की इस नजायज वसूली का डीएफएससी को पता न हो। उन्हें मंडियों में क्या चल रहा है, सब जानकारी होती है। आढ़तियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएफएससी इंसपेक्टर को बचाने में लगा हुआ है।



पहले ही कोरोना संक्रमण के दौर में मंडियों में काम जान जोखिम में डालकर किया गया, बरसात की मार लगातार पड़ती रही। इन सबके बीच इंसपेक्टर ने उठान के लिए दवाब बनाकर तीन-तीन वसूल लिए। दवाब बनाया कि अगर पैसे नहीं दिए तो उठान के लिए मुसीबत उठानी पड़ेगी। आरोप है क िजिसके डर से आढ़तियों ने इंसपेक्टर को पैसे दिए। क्योंकि आढ़तियों को सीधे तौर पर डर था कि अगर गेहूं का उठान देनी से होगा तो गेहूं खुले में पड़े पड़े खराब हो जाएगा, क्योंकि मौसम भी लगातार खराब चल रहा था। जिसका फायदा इंसपेक्टर न उठाया।


मिली जानकारी अनुसार इंसपेक्टर आढ़तियों से लगातार संपर्क करने में जुटा है कि उनके साथ जांच में शामिल हो और उनके पक्ष में ब्यान दिए जाए। लेकिन आढ़ती के नेताओं ने इसके लिए साफ मना कर दिया। उधर आढ़तियों ने स्पष्ट किया कि जब भी आढ़तियों को जांच में शामिल किया जाए तो इंसपेक्टर साथ नहीं बल्कि अलग-अलग से बुलाया जाए ताकि वे बिना डर-भय के अपने ब्यानों को जैड-ए के समक्ष दे सके।


आढ़तियों ने कहा कि उन्हें डीसी द्वारा करवाई जा रही जांच पर पूरा भरोसा है, उन्हें उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा और इंसपेक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लेकिन इसके साथ कहा कि इंसपेक्टर के साथ डीएफएससी की भूमिका की जांच की जाए। क्योंकि डीएफएससी के करनाल में आने के बाद ही सभी विवाद शुरू होते है। जो आढ़तियों के लिए मुसीबत बन जाते हैं।प्रति बैग तीन रुपए वसूली मामला: इंस्पेक्टर की चाल, आढ़तियों पर दबाव बना हक में लेने की कोशिश


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