मनोहर राज के हालात: अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला आइएएस अधिकारी ने बताया जान को खतरा, इस्तीफा की घोषणा
द न्यूज इनसाइडर . चंडीगढ़
अपने सीनियर अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पिछड़ा वर्ग की आइएएस अधिकारी ने जान को खतरा बताते हुए अपन पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि उसकी व उनकी बहन की जान को खतरा बना हुअा है। ऐसे में जान बचाने के लिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।
महिला आईएएस के इस कदम से एक बार फिर से हरियाणा में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछड़ा वर्ग संगठन पहल के संयोजक मोहन गुर्जर ने बताया कि प्रदेश में महिला, पिछड़ा वर्ग व दलितों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। यदि वह इंसाफ के लिए आवाज उठाते हैं तो उन्हें इतना तंग किया जाता है कि, वह पीछे हटने को मजबूर हो जाए। इस मामले में भी यहीं हो रहा है। आइएएस महिला अधिकारी को अभी तक इंसाफ मिलना तो दूर सुरक्षा तक उपलब्ध नहीं करायी जा रही है।
पीड़ित अधिकारी के अनुसार जून 2018 में जब वह पशु पालन विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर थी तो विभाग के तत्कालीन एसएस सुनील गुलाटी ने उनका यौन उत्पीड़न किया। पीड़ित अधिकारी ने तब सीएम व चीफ सेक्रेटरी को शिकायत दी थी। इसके बाद उन्होंने महिला आयोग में भी शिकायत दी। उन्होंने डीजीपी पुलिस में भी एक शिकायत दी है। मामले की अभी जांच चल रही है।
पीड़िता ने एक वीडियो भी जारी कर सोशल मीडिया पर डाला है, इसमें भी उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कुछ हो जाए तो इसकी सारी जिम्मेदारी आरोपी आईएएस अधिकारी की होगी।
पीड़िता ने बताया कि उस पर ही दबाव बनाया जा रहा है कि वह मामला वापस ले। उसे लगातार धमकी दी जा रही है। वह मानसिक तौर पर परेशान हो चुकी है। ऐेसे में अब उसने सामने जान बचाने के लिए नौकरी छोड़ कर अपने गृह नगर यूपी जाने के सिवाय कोई चारा नहीं रह गया है। उसने बताया कि इंसाफ के लिए हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन इंसाफ नहीं मिला।
इधर बिजनौर लोकसभा से सांसद मलूक नागर ने हरियाणा के डीजीपी हरियाणा मनोज यादव को एक पत्र लिख कर पीड़ित की जान की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने को लिखा गया है। इसके साथ ही यह भी लिखा कि जो भी कदम उठाये जाये, इसकी जानकारी उन्हें भी दी जाये। 24 अप्रैल को लिखे पत्र में सांसद ने कहा कि यह वाक्य बहुत ही दुखद है।
इधर समाज सेवक मोहन गुर्जर ने बताया कि सीनियर आईएएस अधिकारी सुनील गुलाटी पर यौन उत्पीड़न का यह पहला आरोप नहीं है। इससे पहले भी जब वह वन विभाग में थे तो तब भी उन पर आईएफएस अधिकारी रेंजिथा ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
इधर मामले आरोपी आईएएस अधिकारी ने बताया कि सारे आरोप गलत है। जहां भी उनसे जवाब मांगा गया, वहां वहां उन्होंने जवाब दे दिया है।
टिप्पणियाँ