सांसद निधि से कोरोना राहत कोष में चंदा देकर झूठी वाहवाहीं लूट रहे माननीय
यह निधि होती ही इसलिए कि मौके पर लोगों की मदद की जाये। यह सांसदों का निजी पैसा नहीं होता। यह सही है कि इस फंड को वह खर्च अपनी मर्जी से सकते हैं। इसलिए कोरोना राहत कोष में चंदा देकर वह अहसान नहीं कर रहे हैं। चंडीगढ़ कुछ सांसदों ने कोरोना राहत कोष में सांसद निधि से फंड दिया है। इसे इस तरह से प्रचारित किया है कि जैसा कि उन्होंने बहुत बड़ा त्याग कर दिया हो। जबकि हकीकत यह है कि रकम उन्होंने अपने निजी खाते से नहीं दी है। जो फंड दिया वह था कि ऐसे कामों पर खर्च करने के लिए। एक सांसद को इस निधि में पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। यह रकम उन्हें इसलिए दी जाती है, ताकि वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य करा सके। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को अपने पूरे कार्यकाल में खर्च करने के लिए 21,125 करोड़ रुपये बतौर सांसद-निधि आबंटित किये जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस बार आम लोगों के विकास पर खर्च होने वाली सांसदनिधि के तकरीबन बारह हजार करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हुये थे। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि यह सांसद निधि किसी सांसद की निजी संपत्...