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सांसद निधि से कोरोना राहत कोष में चंदा देकर झूठी वाहवाहीं लूट रहे माननीय

यह निधि होती ही इसलिए कि मौके पर लोगों की मदद की जाये। यह सांसदों का निजी पैसा नहीं होता। यह सही है कि इस फंड को वह खर्च अपनी मर्जी से सकते हैं। इसलिए कोरोना राहत  कोष में चंदा देकर वह अहसान नहीं कर रहे हैं। चंडीगढ़ कुछ सांसदों ने कोरोना राहत कोष में सांसद निधि से फंड दिया है। इसे इस तरह से प्रचारित किया है कि जैसा कि उन्होंने बहुत बड़ा त्याग कर दिया हो।  जबकि हकीकत यह है कि रकम उन्होंने अपने निजी खाते से नहीं  दी है। जो फंड दिया वह था कि ऐसे कामों पर खर्च करने के लिए। एक सांसद को इस निधि में पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। यह रकम उन्हें इसलिए दी जाती है, ताकि वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य करा सके। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को  अपने पूरे  कार्यकाल में खर्च करने के लिए 21,125 करोड़ रुपये बतौर सांसद-निधि आबंटित किये जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस बार आम लोगों के विकास पर खर्च होने वाली सांसदनिधि के तकरीबन बारह हजार करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हुये थे। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि यह सांसद निधि किसी सांसद की निजी संपत्...

लॉकडाउन :समूचे हरियाणा का पर्यावरण हुआ संतोषजनक, वैज्ञानिक बोले- 1970-80 में थी इतनी साफ हवा

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द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो चंडीगढ़ एक सप्ताह में प्रदेश में प्रदूषण का स्तर आधे से कम रह गया है। आधे प्रदेश में प्रदूषण का स्तर 100 से 230 माइक्रोग्राम तक बना था, वह अब 100 से नीचे है। नारनौल में महज 23 रह चुका है, जो 22 मार्च को 90 पर था। पानीपत में 178 से महज 54 रह गया है। अब हरियाणा की हवा वादियों जैसी है। पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार इस तरह का पर्यावरण 1970-80 के बीच के सालों में होता था।लॉकडाउन से सड़कों पर वाहन कम हुए जिससे प्रदूषण का स्तर कम हुआ । हरियाणा में हवा पहाड़ों जैसी, नारनौल में हवा सबसे शुद्ध, 23 माइक्रोग्राम पर आया स्तर आधे प्रदेश में प्रदूषण का स्तर 100 से 230 माइक्रोग्राम तक बना था, वह अब 100 से नीचे ये रहा शहरों में प्रदूषण का स्तर (माइक्रोग्राम में) शहर प्रदूषण अम्बाला 36 बहादुरगढ़ 39 हिसार 24 जींद 49 कैथल 32 कुरुक्षेत्र 34 मेवात 80 नारनौल 23 पलवल 56 पानीपत 54 सिरसा 99 सोनीपत 62 यमुनानगर 32 गुड़गांव 54 रोहतक 26 पंचकूला 46 फरीदाबाद 64 मार्च में सा...

द न्यूज इनसाइडर इंपेक्टर: हरियाणा में अब शराब ठेके रात 12 बजे से होंगे

द न्यूज इनसाइडर, चंडीगढ़ लॉकडाउन के दौरान खुले शराब के ठेकों को अब सरकार ने बंद करने का आदेश जारी किया है। शराब के ठेके रात 12 बजे बंद हो जायेंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी एक्साइज विभाग में आदेश दे दिये गये है। अभी तक हरियाणा में लॉक डाउन के दौरान शराब के ठेके खुले हुए थे। जबकि लोगों को घरों में रखने के लिये पुलिस ने जगह जगह नाकेबंदी कर रखी है। ऐसे में शराब के ठेके खुलने का औचित्य हर किसी की समझ से परे हैं। जनज्वार ने इस बाबत मामला उठाया था। आज सुबह ही शराब के खुले ठेकों पर न्यूज की थी, इसके कुछ देर बाद ही सरकार ने ठेके बंद करने का अदेश जारी कर दिया है। द न्यूज इनसाइडरपर शराब ठेके खुले होने पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि था कि यह कैसा लॉकडाउन है। एक ओर तो लोगों को घरों में रहने के लिए बोला जा रहा है, दूसरी ओर शराब के ठेके खुले हुये हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार शराब के ठेके खोल कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। दीपेंद्र ने यह भी सवाल उठाया था कि आखिर किसकी शह पर शराब के ठेके खुले हैं। क्या सरकार स...

कोरोना से लॉक डाउन सब कुछ बंद, लेकिन खुले है शराब के ठेके

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द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो , चंडीगढ़  हरियाणा में कोराेना को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित लाॅकडाउन के पहले दिन सब कुछ बंद रहा। लेकिन यह असर शराब के ठेकों पर नजर नहीं आया। हरियाणा के हर जिले में शराब के ठेके खुले हुए हैं। नशा मुक्त समाज अभियान के संयोजक रोहताश कुमार ने बताया कि लॉक डाउन में प्रशासन की  ओर से सिर्फ यहीं कहा गया कि आवश्यक वस्तुओं की दुकान ही खुली रहेगी। अब शराब भी हरियाणा में आवश्यक वस्तु हो गयी। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि एक ओर तो लोगों को आवश्यक सामान के लिए मारे मारे घूमना पड़ रहा है। चीजों के दाम डबल कर दिये गये हैं। शराब की दुकानों पर हरियाणा सरकार की यह मेहरबानी समझ से परे हैं। इधर गुडगांव में आवश्यक सामान बनाने वाली इंडस्ट्री को चलाने की परमिशन के लिए कोई सिस्टम नहीं बनाया गया है । इसके लिए सिर्फ एमसीजी के ऑफिस में ही पास की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन पास अप्लाई करने का कोई सिस्टम नहीं है।  अब अगर किसी इंडस्ट्री वाले को अपने कुछ कर्मचारियों का पास बनवाना है तो वह एमसीजी ऑफिस तक कैसे जाएगा।  उद्योगों मे...

कोरोना, कालाबाजारी करने वाले सक्रिय, आम जन परेशान

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द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो  कोरोना की वजह से सुबह से लॉकडाउन होने जा रह है,ऐसे में लोगों में अफवाह का माहौल है। इससे डरे बहुत से लोग आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने में लगे हुए हैं। इसका फायदा उठाते हुए दुकानदरों ने चीजों के मनमाने दाम वसूलने शुरू कर दिये हैं। हालात यह है कि दुध के पैकेट पर पांच रुपये अतिरिक्त चार्ज किये जा रहे हैं। इसी तरह से दूसरी चीजों के दाम भी बढ़ा दिये गये हैं। सेनिटाइजर की कालाबजानिटाइरी जोरो पर है। द न्यूज इनसाइडर की टीम ने अलग अलग कैमिस्ट से जब सेनिटाइजर के रेट पता किये तो 120 से लेकर 150 रुपये तक कीमत बतायी गयी। सेनिटाइजर की कालाबजारी जारी  दूसरी अोर सेनिटाइजर की कालाबजारी जोरो पर है। द न्यूज इनसाइडर की टीम ने अलग अलग कैमिस्ट से जब सेनिटाइजर के रेट पता किये तो 120 से लेकर 150 रुपये तक कीमत बतायी गयी। मास्क को लेकर भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। यदि कोई खरीददार आनाकानी करता है तो उसे सेनिटाइजर या मास्क नहीं दिया जाता। प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं  इधर प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। एक बार कुछ दुकानों पर छाप...

कोरोना का कहर: सेनिटाइजर के दाम तीन गुणा तक बढ़े, मास्क भी 150 रुपए में मिल रहा है

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द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो करनाल जैसे जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसी रफ्तार से सेनिटाइजर और मास्क के दाम भी दुकानदार बढ़ रहे हैं। 50 रुपए में मिलने वाली सेनिटाइजर की शीशी अब 150 रुपए में मिल रही है। वहीं मास्क के 150 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। कंपनियों ने मौका को कैश करने के लिए प्रिंट रेट में भी इजाफा कर दिया है। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि सरकार को चाहिए कि वह सेनिटाइजर और मास्क के दाम तय करें। क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता है कि अचानक से दवा कंपनियां प्रिंट रेट बढ़ा रहे। उन्होंने बताया कि अंबाला, करनाल, कुरूक्षेत्र और कई जगह उन्होंने सर्वे किया। यहां तक की ऑन लाइन मिलने वाले सेनिटाइजर के दाम भी अब बढ़ा दिए गए हैं। कोरोना स्पेशल मास्क भी मार्केट में राकेश ढुल ने बताया कि मार्केट में कोरोना स्पेशल मास्क भी उपलब्ध है। इनका प्रिंट रेट 280 रुपए रखा गया है। दुकानदार इसे 160 रुपए से लेकर 200 रुपए में बेच रहा है। अब क्योंकि प्रिंट रेट ही इतना ज्यादा है। इसलिए कोई विरोध भी नहीं कर सकता। इधर लोगों में सेनिटाइजर और मास्क को लेकर ऐसा हौव्वा बना दिया कि हर कोई इ...

इंस्पेक्टर समीर वशिष्ठ की निष्ठा पर उठे थे सवाल, उन्हें धान खरीद में लगाया करनाल मंडी में

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कई राइस मिलर्स को मिलिंगमेटी से   क  ज्यादा कोटा दिया, गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन?  द न्यूज इनसाइडर ब्यूरो, चंडीगढ़  इं स्पेक्टर समीर वशिष्ठ की सरकारी कर्मचारी के तौर पर निष्ठा पर सवाल लगाया गया था। इसके बाद भी उन्हें सीएम मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल की अनाज मंडी में धान सीजन में इंस्पेक्टर के तौर पर लगाया गया। यहां रहते हुए भी उन पर न सिर्फ अनियमितता के आरोप लगे, बल्कि कई राइस मिलर्स को तय कोटे से ज्यादा धान दिया था। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि एक इंस्पेक्टर पर विभाग इतना मेहरबान क्यों है? उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक इनके खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं हो रही है। वह भी तब जब इस बार धान खरीद का मामला विधानसभा में उठा। सरकार ने इस पर उचित कार्यवाही व जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद भी मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने का काम हो रहा है। इससे साफ है कि एक बड़ा फूड माफिया इसके पीछे काम कर रहा है। इसलिए उठे थे समीर की सरकारी कर्मचारी के तौर पर निष्ठा पर सवाल  आ रटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक समीर वशिष्ठ ...