द न्यूज इनसाइडर इंपेक्टर: हरियाणा में अब शराब ठेके रात 12 बजे से होंगे
द न्यूज इनसाइडर, चंडीगढ़
लॉकडाउन के दौरान खुले शराब के ठेकों को अब सरकार ने बंद करने का आदेश जारी किया है। शराब के ठेके रात 12 बजे बंद हो जायेंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी एक्साइज विभाग में आदेश दे दिये गये है। अभी तक हरियाणा में लॉक डाउन के दौरान शराब के ठेके खुले हुए थे। जबकि लोगों को घरों में रखने के लिये पुलिस ने जगह जगह नाकेबंदी कर रखी है। ऐसे में शराब के ठेके खुलने का औचित्य हर किसी की समझ से परे हैं। जनज्वार ने इस बाबत मामला उठाया था। आज सुबह ही शराब के खुले ठेकों पर न्यूज की थी, इसके कुछ देर बाद ही सरकार ने ठेके बंद करने का अदेश जारी कर दिया है।
द न्यूज इनसाइडरपर शराब ठेके खुले होने पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि था कि यह कैसा लॉकडाउन है। एक ओर तो लोगों को घरों में रहने के लिए बोला जा रहा है, दूसरी ओर शराब के ठेके खुले हुये हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार शराब के ठेके खोल कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। दीपेंद्र ने यह भी सवाल उठाया था कि आखिर किसकी शह पर शराब के ठेके खुले हैं। क्या सरकार सिर्फ पैसा कमाना ही चाह रही है।
जानकारों का कहना है कि ठेके खुले होने के पीछे कहीं न कहीं तो गड़बड़ है। मार्च 31 तक शराब के ठेकों की नीलामी होती है। तब तक हर ठेका संचालक अपना स्टॉक क्लियर करता है। यहीं वजह थी कि एक्साइज विभाग ने शराब ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए यह मेहरबानी की है। यदि ठेके लॉकडाउन के दौरान भी बंद हो जाते तो स्टॉक अटक सकता था। इसलिए जब लॉकडाउन का अादेश दिया जा रहा था, तब जानबूझ कर शराब ठेकों को बंद से अलग रख दिया गया। इस बार एक्साइज डिपार्टमेंट जननायक जनता पार्टी के सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला के पास है। ठेके खुले क्यों है, इस सवाल पर पुलिस की ओर से बताया गया था कि इस बारे में कोई आर्डर नहीं आया है।
यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि भाजपा सरकार में भी लॉक डाउन के दौरान शराब के ठेके खुले रहे, यह समझ से परे थे। आखिर सरकार ने ठेके खुले रखने का निर्णय लिया ही क्यों? वहीं नशा मुक्त आंदोलन के सदस्य विश्वदीप आर्य ने बताया कि देर से ही सही सरकार ने ठेके बंद कर निर्णय सही लिया है। उन्होंने कहा कि लेकिन शराब के ठेके तो पहले ही दिन बंद होने चाहिए थे। क्योंकि लॉक डाउन के दौरान तो सिर्फ अति आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ही होनी चाहिए। कम से कम शराब इस श्रेणी में तो नहीं आती। उन्होंने जनज्वार का धन्यवाद किया कि उन्होंने इस ओर सरकार का ध्यान दिलवाया।
दूसरी ओर पंजाब में न सिर्फ शराब के ठेके बंद है, बल्कि दूध और दवा की दुकान तक का बंद करा दिया गया है। सरकार लोगों की जरूरत की चीजे उनके घरों पर उपलब्ध करा रही है। ऐसे में खट्टर सरकार से यहीं सवाल किया जा रहा है कि कोरोना से बचने के लिए लोगों को दवा चाहिये या फिर दारू। बहरहाल अपनी फजीहत को होता देख कर सरकार ने अब शराब ठेके बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
लॉकडाउन के दौरान खुले शराब के ठेकों को अब सरकार ने बंद करने का आदेश जारी किया है। शराब के ठेके रात 12 बजे बंद हो जायेंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी एक्साइज विभाग में आदेश दे दिये गये है। अभी तक हरियाणा में लॉक डाउन के दौरान शराब के ठेके खुले हुए थे। जबकि लोगों को घरों में रखने के लिये पुलिस ने जगह जगह नाकेबंदी कर रखी है। ऐसे में शराब के ठेके खुलने का औचित्य हर किसी की समझ से परे हैं। जनज्वार ने इस बाबत मामला उठाया था। आज सुबह ही शराब के खुले ठेकों पर न्यूज की थी, इसके कुछ देर बाद ही सरकार ने ठेके बंद करने का अदेश जारी कर दिया है।
द न्यूज इनसाइडरपर शराब ठेके खुले होने पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि था कि यह कैसा लॉकडाउन है। एक ओर तो लोगों को घरों में रहने के लिए बोला जा रहा है, दूसरी ओर शराब के ठेके खुले हुये हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार शराब के ठेके खोल कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। दीपेंद्र ने यह भी सवाल उठाया था कि आखिर किसकी शह पर शराब के ठेके खुले हैं। क्या सरकार सिर्फ पैसा कमाना ही चाह रही है।
जानकारों का कहना है कि ठेके खुले होने के पीछे कहीं न कहीं तो गड़बड़ है। मार्च 31 तक शराब के ठेकों की नीलामी होती है। तब तक हर ठेका संचालक अपना स्टॉक क्लियर करता है। यहीं वजह थी कि एक्साइज विभाग ने शराब ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए यह मेहरबानी की है। यदि ठेके लॉकडाउन के दौरान भी बंद हो जाते तो स्टॉक अटक सकता था। इसलिए जब लॉकडाउन का अादेश दिया जा रहा था, तब जानबूझ कर शराब ठेकों को बंद से अलग रख दिया गया। इस बार एक्साइज डिपार्टमेंट जननायक जनता पार्टी के सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला के पास है। ठेके खुले क्यों है, इस सवाल पर पुलिस की ओर से बताया गया था कि इस बारे में कोई आर्डर नहीं आया है।
यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि भाजपा सरकार में भी लॉक डाउन के दौरान शराब के ठेके खुले रहे, यह समझ से परे थे। आखिर सरकार ने ठेके खुले रखने का निर्णय लिया ही क्यों? वहीं नशा मुक्त आंदोलन के सदस्य विश्वदीप आर्य ने बताया कि देर से ही सही सरकार ने ठेके बंद कर निर्णय सही लिया है। उन्होंने कहा कि लेकिन शराब के ठेके तो पहले ही दिन बंद होने चाहिए थे। क्योंकि लॉक डाउन के दौरान तो सिर्फ अति आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ही होनी चाहिए। कम से कम शराब इस श्रेणी में तो नहीं आती। उन्होंने जनज्वार का धन्यवाद किया कि उन्होंने इस ओर सरकार का ध्यान दिलवाया।
दूसरी ओर पंजाब में न सिर्फ शराब के ठेके बंद है, बल्कि दूध और दवा की दुकान तक का बंद करा दिया गया है। सरकार लोगों की जरूरत की चीजे उनके घरों पर उपलब्ध करा रही है। ऐसे में खट्टर सरकार से यहीं सवाल किया जा रहा है कि कोरोना से बचने के लिए लोगों को दवा चाहिये या फिर दारू। बहरहाल अपनी फजीहत को होता देख कर सरकार ने अब शराब ठेके बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
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