दबंग विज के दब्बु पुलिसकर्मियों से जब्त वाहन छुड़ा ले गए माइनिंग माफिया के गुंडे
दबंग विज के दब्बु पुलिसकर्मियों से जब्त वाहन छुड़ा ले गए माइनिंग माफिया के गुंडे
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर के विधानसभा क्षेत्र की घटना देखती रह गयी पुलिस, यमुना में सरेआम हो रही खुदाई
द न्यूज इनसाइडर
दबंग मंत्री अनिल विज के पुलिसकर्मी इतने दब्बु निकले की माइनिंग माफिया के सामने घुटने टेक दिए। घटना यमुनानगर जिले के खिजराबाद क्षेत्र की है। पुलिस को माइनिंग विभाग से सूचना मिली थी कि थी कि क्षेत्र के बल्लेवाला जोन में अवैध मशीनों से अवैध माइनिंग हो रहा है। जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। यहां माइनिंग माफिया से पुलिस की टीम ने एक अर्थमुविंग मशीन, डंपर आदि पकड़े। दूसरी ओर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की टीम भी यमुना में अवैध खनन कर रहे वाहनों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया। पुलिस की टीम वाहनों को पकड़ कर जैसे ही माइनिंग माफिया के गुंडों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। एक गाड़ी में सवार होकर आए बदमाशों ने हथियारों के दम पर पुलिस की टीम को रोक लिया। बदमाशों ने पुलिसकर्मी को धक्का देकर एक गाड़ी से नीचे गिरा, गाड़ी लेकर फरार हो गए ।
न गोली चलायी न बदमाशों को पकडऩे का प्रयास किया
बदमाशों
के सामने पुलिस इतनी लाचार थी कि एक भी कर्मी उन्हें ललकारने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हालांकि पुलिस के पास हथियार थे, लेकिन उन्होने एक भी गोली नहीं चलायी। पुलिस ने ऐसा कोई एक्शन नहीं लिया जिससे लगे कि बदमाशों को रोकने की कोशिश हो रही है। गैर सरकारी संस्था आकृति के अध्यक्ष अनुज सैनी ने बताया कि इससे तो यहीं साबित हो रहा है कि यमुना नदी में माइनिंग माफिया ने जंगलराज चला रखा है। उनकी मनमर्जी चल रही है। यह तो अपने आप में बहुत ही खतरनाक हालात की ओर इशारा कर रहे हैं।
होमगार्ड मोल्लू राम की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर अपनी छवि को बचाने की कोशिश की है। अभी तक इस मामले में पुलिस आरोपियों तक पहुंच नहीं पायी है। पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि बदमाशों की खोजबीन की जा रही है। अभी तक उनके बारे में पता नहीं चला है। पुलिस का यह भी कहना है कि जल्दी ही बदमाशों को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है। किसी भी तरह की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चंबल के डैकतों जैसे हालात है यमुना के माइनिंग जोन में
अनुज ने बताया कि यमुनानगर जिले में यमुना नदी के अंदर बहुत ज्यादा माइनिंग हो रही है। हालात यह है कि नदी के पानी का बहाव तक का रास्ता बदल गया है। इसके बाद भी स्थानीय पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। ऐसा लग रहा है कि यहां तो चंबल के बिहड़ की तरह डाकू ओं का साम्राज्य है। यहां माफिया ही सब कुछ तय कर रहा है। पुलिस पर माफिया के भार पडऩे की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर पुलिस इसी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है।
तो लगाना चाहिए सीआरपीएफ की बटालियन
स्थानीय
पुलिस माफिया के सामने बेबस है। यमुना जिओ अभियान के सदस्य भीम सिंह रावत ने मांग की कि यहां तो सीआपीएफ का दस्ता लगाया जाना चाहिए। तभी यहां माइनिंग माफिया की गतिविधियों पर रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस क्षेत्र की पुलिस चाहती ही नहीं कि यहां माइनिंग पर रोक लगे। यहीं वजह है कि आज तक एक बार भी पुलिस कहीं भी सख्त नजर नहीं आ रही है। जबकि एनजीटी समेत तमाम पर्यावरणविद भी लगातार यहां माइनिंग की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस यदि इस तरह से लाचार है तो लगता नहीं कि अवैध माइनिंग रूक पाएगी।
दूसरी ओर पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे अनुज सैनी ने मांग की कि यहां पुलिस की भूमिका की जांच होनी चाहिए। ऐसा लग रहा है कि पुलिस के कुछ कर्मचारी ही माफिया के साथ मिले हुए हैं। जो पुलिस के एक्शन की जानकारी उन तक पहुंचा रहे हैं। यह गंभीर चिंता की बात है। इसलिए जिस टुकड़ी से गुंडे वाहन छुड़ा कर ले गए, उस टीम की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही यहां जो भी पुलिसकर्मी यदि सही से काम नहीं करता तो उसकी भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से मंत्री अनिल विज काम कर रहे हैं, दूसरी ओर जो पुलिस का रवैया है, इसमें तो बहुत बड़ा विरोधाभास है। इसकी वजह क्या है? इसे तय करने का वक्त आ गया है।
- शिकायत पर भी नहीं सुनती पुलिस
अनुज ने बताया कि बार बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस ध्यान नहीं देती। कई बार तो यहीं बोल दिया जाता है कि खुद जाकर माइनिंग रुकवा दो, यदि दिक्कत आए तो बता देना हम आ जाएंगे। इससे साफ है कि पुलिस यहां कोई कार्यवाही करना ही नहीं चाह रही है। यदि पुलिस को माइनिंग रोकने की चिंता होती तो कम से कम शिकायत पर तो ध्यान दिया जाना चाहिए था। लेकनि एक बार भी ऐसा नहीं हुआ है। इसी वजह से अब उन्होंने पुलिस के पास शिकायत करने की बजाय सीधे एनजीटी में ही लिख रहे हैं।
सरेआम मंडराते हैं गुंडे नहीं दे रही पुलिस ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि यहां गुंडे सरेआम घूमते हैं। वह माफिया के इशारे पर काम करते हैं। जो क्षेत्र में अवैध माइनिंग की गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं। यदि कोई भी आवाज उठाता है तो उसे डराया जाता है। इसके साथ ही यह गूंडे समय समय पर पुलिस से माफिया के लोगों को बचाने का काम करती है। इनका नेटवर्क इतना जबरदस्त है कि एक मिनट से भी पहले यह जानकारी इधर से उधर कर देते हैं। रात हो या दिन यह गूंडे क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। लोगों की मांग है कि पुलिस इनकी गतिविधियों पर भी रोक लगाने की दिशा में काम करे। जब तक पुलिस इनका नेटवर्क नहीं तोड़ेगी तब तक क्षेत्र में माफिया की गतिविधियां चलती रहेगी।
दूसरी ओर इस मामले में जब क्षेत्र के विधायक और मंत्री कंवर पाल गुर्जर से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। उन्हें मामले की जानकारी वाट्सअप से दी, इसके बाद भी उनका जवाब नहीं आया।
टिप्पणियाँ
नहि जी बिलकुल नहि