संदेश

नवंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वेदांता के खिलाफ आदिवासियों को मिला संयुक्त किसान मोर्चे का साथ

चित्र
कालाहांडी : वेदांता के खिलाफ सिजिमाली के आदिवासियों को संयुक्त किसान मोर्चे के साथ से आंदोलन कितना मजबूत होगा सिजिमाली की पहाड़ी: पहाड़ पर अब हल्की सी सर्दी उतर रही है। बाहर से आए लोगों के लिए यहां का मौसम काफी सुहावना है। लेकिन यहां के आदिवासियों की आंखों में मौसम की चमक गायब है। इसकी जगह है, खौफ। अंधेरा होते ही छोटी सी आवाज भी उन्हें चौकन्ना कर देती है। कंपनी के लोग या पुलिस तो नहीं आ गई, यह भय उन्हें चैन से सोने नहीं देता। पूरा दिन भागते हुए बीतता है, रात छुपते हुए। सिजिमाली की पहाड़ियों के यह वह आदिवासी है, जो वेदांता के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इंग्लैंड बेस भारतीय कंपनी वेदांता ने ओड़िसा के लांजीगढं में एल्मूनियम रिफानइरी लगा रखी है। रिफाइनरी के लिए कच्चा माल चाहिए। जो फिलहाल कंपनी बाहर से लेकर आ रही है। इस कच्चे माल का खजाना सिजिमाली , नियामगिरी की पहाड़ियों में भी छुपा हुआ है। वेदांता की नजर इस पर है। कारपोरेट कितना आगे की सोचते हैं? लांजीगढ़ की रिफाइनरी इसका उदाहरण है। कंपनी ने रिफाइनरी पहले लगा ली, जिससे यह माहौल बनाया जाए कि पहाड़...

वेदांता को झटका

ओडिसा: पुरी में वेदाता यूनिवर्सिटी  के लिए अधिग्रहण जमीन अब किसानों को होगी वापस  भुवनेश्वर  ओ डिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि पुरी में वेदांता यूनिवर्सिटीके लिए अधिग्रहित भूमि को वापस करने की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी।  ओडिशा सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि पुरी जिले में वेदांता लिमिटेड के प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित की गई करीब 3,500 एकड़ निजी भूमि उनके संबंधित मालिकों को वापस कर दी जाएगी।  राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने ओडिशा हाई कोर्ट के 2010 के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय के लिए भूमि का अधिग्रहण अवैध है।  क्योंकि विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखने वाली अनिल अग्रवाल फाउंडेशन कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार एक निजी कंपनी है, न कि सार्वजनिक कंपनी। ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि अधिग्रहित भूमि को वापस करने की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी।  उन्ह...

वेदांता कंपनी का दोहरा करेक्टर दिल्ली मैराथन और जमीनी हकीकत

चित्र
वेदांता की दोहरी चाल: एक ओर भुखे बच्चों और जानवरों को खाना देने के लिए मैराथन दूसरी ओर रेड मड से मर रहे जानवरों पर चुप्पी भुवनेश्वर से मनोज ठाकुर की रिपोर्ट वे दांता कंपनी का करेक्टर का आंकलन यदि करना है तो दो घटनाएं देख लीजिए। एक ओर कंपनी दिल्ली में दिल्ली हाफ मैराथन 2024  #Vedanta Delhi Half Marathon 2024.से बच्चों और जानवरों के लिए 10 मिलियन भोजन जुटाने का दावा कर रही है। कंपनी का यह कार्यक्रम 20 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हुआ। भारत में भूख और कुपोषण से लड़ने के मिशन में देश भर से 72,000 से अधिक लोगों को एकजुट किया गया।  लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलु भी है। जो कंपनी के इस सामाजिक कार्यक्रमों पर सवाल खड़ा कर रहा है। कंपनी ओडिसा, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत कई राज्यों में खनन कर रही है। इसके लिए वहां के आदिवासियों व स्थानीय लोगों को बेघर किया जा रहा है। उनका प्राकृतिक आवास छीना जा रहा है। ओडिया का कालाहांडी जिला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां के आदिवासियों का आरोप है कि कंपनी उनका प्राकृतिक आवास छीन कर उन्हें भूखा मरने पर मजबूर कर रही है। अपना आश्रय बचाने के लिए यहां के आदिवासी...