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एनओसी प्रक्रिया में फंसी जिम्मेदारों ने चलवा दी फार्मेलिन डिहाइड्रेंट यूनिट

एक यूनिट की तीन बार शिकायत के बावजूद भी स्थानीय अधिकारी नहीं कर रहे कार्यवाही  यमुनानगर  फार्मेलिन डिहाइड्रेंट चलाने के लिए सभी एलओसी जरूरी है। एनजीटी के यह निर्देश है। यूनिट संचालक सुप्रीम कोर्ट गए। वहां निर्णय दिया कि एक समय अवधि के दौरान एनओसी ले ली जाए। एनओसी की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि अब इसमें उलझा कर वह यूनिट भी सरेआम चल रही है, जिनके पास सभी एनओसी नहीं है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था आकृति के अध्यक्ष अनुज सैनी ने बताया कि यह मामला जहरीली शराब से भी ज्यादा खतरनाक है।  क्योंकि जहरीली शराब में तो पीने वाले का नुकसान होता है। फार्मेलिन डिहाइड्रेंट से निकलने वाली गैस तो हर किसी को अपना शिकार बना रही है। इतने बडे़ स्तर पर प्रदूषण होने के बावजूद भी स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।  इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सवालों के घेरे में  अनुज सैनी ने बताया कि होना तो यह चाहिए कि यह यूनिट बिना एनओसी के चले ही नहीं। कोई एनओसी की प्रक्रिया इतनी लंबी है, जिसे पूरा करने में इतना लंबा समय लग रहा है। अब क्यो...

फार्मेलिन डिहाइड्रेंट बनाने की 8 इकाइयों में अनियमितता, फिर भी जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

  सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की यमुनानगर प्रदूषण बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी यूं उड़ा रहे धज्जियां  यमुनानगर  एनजीटी ने हरियाणा सरकार को हिदायत दी कि पुराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करें। जिससे वायु प्रदूषण को रोका जा सके। इधर दूसरी ओर यमुनानगर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली यह है कि यहां  फार्मेलिन डिहाइड्रेंट की कम से कम आठ इकाईयों में अनियमितता की भरमार है। इन इकाइयों पर रोक लगाना तो दूर की बात, बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी शिकायत करने के बाद भी इकाइयों के संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था आकृति के संचालक अनुज सैनी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश है कि  फार्मेलिन डिहाइड्रेंट   बनाने की हर इकाई नियमों के तहत ही चले।  सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा भी तय की थी। जो निकल चुकी है। इसके बाद भी प्रदूषण बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।  सीएमविंडों पर दी शिकायत  यमुनानगर निवासी रोहित व बलविंदर ने सीएम...

@BhagwantMann की बेटी ने जो आरोप भगवंत मान पर लगाये है बेहद गंभीर हैं

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फूड इंस्पेक्ट र कपिल देव को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा गिरफ्तार

  खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विभाग का करोड़ो रूपये के गबन का आरोपी फूड इंस्पेक्ट र  कपिल देव   को   एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा गिरफ्तार - 2.43 करोड रुपए के गबन का आरोप, वर्ष 2019 से लेकर 21 तक 6165 क्विंटल गेहूं गोदाम में सड़कर हुआ था खराब, एफसीआई ने गेहू किया था अनफिट घोषित चंडीगढ़   हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज 2.43 करोड रुपए के गबन मामले में खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विभाग के फ़ूड इंस्पेक्टर कपिल देव को  चार दिसंबर को   न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे न्यायायिक हिरासत में भेजा गया। कपिल देव पर ₹5000 की राशि का इनाम था । इस बारे में जानकारी देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी कपिल देव वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक जिला असंध में खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था। इस अवधि के दौरान 6165 क्विंटल गेहूं गोदाम में सड़ कर खराब हो गया जिसे एफसीआई द्वारा भी अनफिट घोषित किया गया। इसके अलावा , आरोपी कपिल देव द्वारा एफसीआई को गेहूं की सप्लाई कम करने के भी आरोप है।  पूछताछ के दौ...

आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बनी, यानी जमानत जब्त पार्टी बन गई है - गृह मंत्...

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आम आदमी पार्टी नेता गायत्री बिश्नोई के साथ आधी रात को ट्रेन में क्या हुअा

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